धार-तोंदला गाँव में वैदिक मंत्रोचार के साथ माँ पद्मावती महायज्ञ प्रारंभ, उमड़ रही भक्तों भीड़
1 min read05/02/2023 7:02 pm
अनसूया प्रसाद मलासी । अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज- रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खंड में (गणेशनगर क्षेत्र) धार-तोंदला ग्राम सभा में स्थित पद्मावती देवी के प्राचीन मंदिर में 03 फरवरी को वैदिक मंत्रोचार के साथ चल-अचल मूर्ति विग्रह, सकलीकरण एवं पूजा, हल्दी हाथ, कुंड गज, कुंड खातिग एवं पूजन, अरणी मंथन, अग्नि प्रज्वलित कर प्राण प्रतिष्ठा संस्कार एवं अग्नि स्थापना के साथ ही यज्ञ कुंड पूजन, भद्र पूजन, अन्नपूर्णा पूजन के पश्चात महायज्ञ आरंभ हो गया है।
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आचार्य रामेश्वर प्रसाद पंत के मुखारविंद से श्रीमद् देवी भागवत की कथा का भी शुभारंभ हो गया है। बताया गया है कि प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती पाठ, विष्णु सहस्रनाम पाठ, रुद्री पाठ, अन्नपूर्णा स्त्रोत पाठ, महाविद्या पाठ, ग्रह दान एवं हवन यज्ञ किए जाएंगे। इस मौके पर सैकड़ों भक्तों ने मां पद्मावती देवी की जय-जयकार करते हुए मंदिर की परिक्रमा की और इस धार्मिक कार्यक्रम के साक्षी बने।
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कुणजेठी गाँव के कथा- आचार्य रामेश्वर प्रसाद पंत, आचार्य स्वतंत्रानंद पंत, माधवानंद पंत, गिरीश प्रसाद पंत, सर्वेश्वर पंत, चंद्र प्रकाश पंत और हरीश पंत के साथ ही बीरों-देवल के अयोध्या प्रसाद डिमरी, विशाल पोखरी के – कमलेश त्रिपाठी, सिल्ला गाँव के माहेश्वर प्रसाद पुरोहित , प्रियधर, मेदनीधर, ऋतिक, अरविंद, मुकेश, ऋषभ, योगेश, राजीव, आशीष सेमवाल, राकेश नौटियाल आदि पंडितजन इस महायज्ञ आयोजन को संपन्न कराने के लिए योगदान कर रहे हैं।
धार-तोन्दला गांव में अधिष्ठाती पद्मावती देवी का भव्य प्राचीन मंदिर है। अपनी दिवारा यात्रा में अपने क्षेत्र के विभिन्न गांवों में घूमकर भक्तों को दर्शन देते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद देकर देवी की डोली अपने मंदिर में पहुंच गई हैं।
दिवारा समिति के अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत, ग्राम प्रधान देवेन्द्र सिंह रावत, क्षेपंस यशवीर सिंह रावत, ललित मोहन रावत मंदिर के पुजारी विष्णु प्रसाद भट्ट ने बताया कि विगत 22 जनवरी को मां पद्मावती के मन्दिर में सकलीकरण के बाद दिवारा यात्रा का शुभारम्भ किया गया था।
3 फरवरी को मां पद्मावती अपनी दिवारा यात्रा के अन्तिम चरण में अपने मूल स्थान में पहुँची हैं। 10 फरवरी को जलयात्रा, 11 को पूर्णाहुति एवं 12 फरवरी को कुण्ड बंद, ब्रह्मभोज, भण्डारा और देव विसर्जन के साथ ही महायज्ञ का समापन होगा। यहाँ महिला मंगल दल, युवक मंगल दल और कीर्तन मंडली भक्ति भाव से इस धार्मिक आयोजन की सफलता के लिए बडे़ मनोयोग से कार्य कर रहे हैं।
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