दस्तक पहाड न्यूज।  गुप्तकाशी केदारघाटी में बाबा विश्वनाथ की नगरी गुप्तकाशी में आज गौ मांस बेचने की सूचना पर स्थानीय निवासियों के साथ रूद्रप्रयाग जिले में हिन्दू संगठनों ने जमकर बबाल काटा। दरअसल गुप्तकाशी बाजार में एक मीट व्यवसायी पर नजीबाबाद से गौ मांस बेचने का आरोप लगा। बताया गया कि बुधवार देर उक्त मीट व्यवसायी द्वारा रात्रि में 90 किलो गौ मांस को सड़ा गला बताकर मिट्टी में दबा दिया गया था। यह बात आग की तरह फैल गई और मीट व्यवसायी के साथ शासन-प्रशासन के खिलाफ लोग एकठ्ठे होने लगे।

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बबाल बढ़ता देख बाद में पुलिस ने किसी तरह से मामला शांत करवाया। बृहस्पतिवार सुबह इस घटना पर व्यापारियों और हिन्दू संगठनों ने गुप्तकाशी बाजार को बंद रखते हुये बाजार और थाने में जमकर प्रदर्शन किया। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करते हुऐ पशु चिकित्सक से मांस का निरीक्षण करवाया। निरीक्षण के दौरान पता चला कि यह मांस गौ का नहीं, बल्कि बकरे का है। अब केदारघाटी की आक्रोशित जनता पुलिस पर ही आरोप लगा रही है। गुप्तकाशी के जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवाड़ी, कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल, वरिष्ठ नेता हिन्दू सेवा संगठन भरत सिंह रावत, कुंवर सिंह का कहना है कि पुलिस ने क्या कार्यवाही की इसका कुछ पता नहीं है। अगर पुलिस ने कुछ कार्यवाही की है तो उसका उजागर सबके सामने होना चाहिएए। पुलिस भी मांस विक्रेताओं के साथ मिली हुई है। इधर, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने कहा कि एक मांस विक्रेता ने नजीमाबाद से मछली और बकरी का कटा हुआ मांस यहां मंगवाया था। जनता ने थाने में पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। आइस बॉक्स में बीस किलो से अधिक मांस था। इसका पशु चिकित्सक की ओर से निरीक्षण किया गया तो वह बकरे का निकला। कटे हुये मांस से लोगों की तबियत खराब हो जाती, इसलिए इसको नष्ट किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने गलत अफवाह फैलाई कि यह गौ का मांस था, जबकि वह बकरे का ही मांस था। उन्होंने कहा कि गलत अफवाह फैलाने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने सभी लोगों से अफवाह पर विश्वास ना करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह केदारघाटी भगवान केदारनाथ की भूमि है। यहां इस प्रकार के कृत्यों को नहीं होने दिया जायेगा। इसके खिलाफ पुलिस प्रशासन भी खड़ा है। यदि ऐसा कभी भविष्य में किया गया तो पुलिस प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगा।