दीपक बेंजवाल।  अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज- पहाड़ में चोर भी इन्सानियत से भरे है इसीलिए सालों से बच्चों के लिए तरस रही स्कूल में पंजीकृत लेकिन हर रोज गायब बच्चों के नाम पर आ रहे मीड डे मील और जरूरी सामग्री को चोर उड़ा ले गए। जी हाँ बरसों से सरकारी धन का अनुपयोग हो रहे राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड़ में चोरो का यह अद्भुत कारनामा सामने आया है। हालाँकि यहाँ हुई चोरी न्यायसंगत नहीं कही जा सकती लेकिन चोरों ने अपने कुकृत्य से यहाँ की असल स्थिति को अब जगजाहिर कर सरकार और शिक्षा विभाग

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के उदासीन रवैये पर बड़ा प्रहार कर दिया है। पिछले कई सालों से विद्यार्थियों के लिए तरस रही राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडूबगड़ में बुधवार देर रात चोरों ने कार्यालय का ताला तोड़कर पुस्तकालय की सौ पुस्तकें, बक्सेमें रखी 10 किलो चावल 2 किलो दाल, 1 लीटर तेल की बोतल 8 गिलास, एक जग, 2 चम्मच, 2 प्लेट, पानी पीने का फिल्टर समेत मेडिकल किट और सम्पर्क दीदी के दो ओडियो किट चोरी कर लिए। चोरों ने अलमारी में रखे विद्यालय अभिलेखों को भी फाड़ दिया। बृहस्पतिवार को सुबह जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक रणबीर शाह स्कूल पहुँचे तो कार्यालय का ताला तोड़ा हुआ मिला। उन्होंने थाना अगस्त्यमुनि में स्कूल में हुई चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई दी है। बता दें कि अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र के बेडूबगड़ कस्बे में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे राजकीय प्राथमिक विद्यालय में विगत कई सालों से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे है। हालाँकि तीन छात्र यहाँ पंजीकृत है लेकिन वो भी स्कूल नहीं आते है। विद्यालय में तैनात एकमात्र अध्यापक रणबीर शाह जो बतौर प्रधानाध्यापक यहाँ तैनात है पूरी कर्त्तव्यों के साथ हर रोज सुबह स्कूल खोलने आते है और शाम को विद्यालय अवकाश पर स्कूल बंद कर चले जाते है। यहाँ कुल तीन विद्यार्थी पंजीकृत है जो कभी-कभार या कहे तो कभी स्कूल नहीं आते है। सरकार द्वारा इस विद्यालय में अध्ययनरत इन गुमशुदा बच्चों के लिए एक अध्यापक, मिडडे मील, पुस्तकालय और रखरखाव के लिए लगातार धनराशि अवमुक्त की जाती है लेकिन इसका सालों से धरातलीय उपयोग नहीं हो पा रहा है। जनपद के कई प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की समस्या से जूझ रहे है लेकिन सरकार को औपचारिकता निभानी ज्यादा प्रासंगिक लगती है इसलिए गायब बच्चों के लिए पूरा स्कूल और अध्यापक को यहाँ रखा गया है। इस विद्यालय के लिए आवंटित बजट और अध्यापक को किसी अन्य विद्यालय को दिया जाता तो बेहतर होता। लेकिन बेखबर सरकार और विभाग हमेशा उदासीन ही रहा। हाँ अब चोरों ने सरकार की उदासीनता का फायदा उठाकर अनुपयोगी विद्यालय का उपयोग कर लिया है।