हरीश गुसाई।  अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में नमामि गंगे परियोजना के तहत स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत नमामि गंगे समिति एवं राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘जल संरक्षण‘ तथा ‘जी 20 सम्मेलन में भारत की भूमिका‘ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में प्रभारी प्राचार्य डॉ० दलीप सिंह बिष्ट ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के साथ जल के महत्व एवं संरक्षण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जल की कमी एवं संरक्षण

Featured Image

के पीछे व्यक्ति की दोहरी मानसिकता रही है। एक ओर तो हम सनातन काल से ही जीवों, जल तथा पृथ्वी का संरक्षण एवं पूजन करते आ रहे हैं, फिर भी हमें आज इन सभी चीजों के संरक्षण की आवश्यकता पड़ रही है। नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ० के०पी० चमोली के द्वारा आर्थिक, पर्यावरणीय एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए भारत के नेतृत्व की आवश्यकता पर चर्चा की गई। उन्होंने जल की उपलब्धता के संदर्भ में कहा कि ‘जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है‘ और हमें अपनी तरफ से भी जल संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ० हरिओमशरण बहुगुणा ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पानी की सप्लाई के दौरान आने वाली समस्याओं, सरकारी प्रयासों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पृथ्वी हमें सब कुछ देने में सक्षम है, किंतु यह मानव के लालच की पूर्ति करने में असमर्थ है। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ० गिरिजा प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि दैनिक जीवन एवं अन्य कार्यों में पानी के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण पानी बर्बाद हो जाता है और यदि हम प्रकृति के नियमों के साथ चलेंगे, तो जल स्वयं संरक्षित हो जाएगा। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ० प्रकाश चंद्र फोन्दनी ने जल संरक्षण के लिए किए गए वैश्विक सम्मेलन, कार्यशाला एवं पानी के बहुउपयोग पर अपने विचार रखे। गोष्ठी में विवेक, देवेंद्र, विक्रांत चौधरी, दीक्षा, सुलेखा आदि छात्र छात्राओं ने भी संबंधित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ केपी चमोली एवं डॉ आबिदा ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर नमामि गंगे समिति सदस्य डॉ० ममता शर्मा, डॉ० निधि छाबड़ा, डॉ० ममता थपलियाल, डॉ० शशिबाला रावत, डॉ० सुनील भट्ट के अतिरिक्त डॉ० कनिका बड़वाल, डॉ० तनुजा मौर्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।