विकासनगर (देहरादून ): भारत चीन सीमा पर शहीद हुए आईटीबीपी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर आज दोपहर उनके पैतृक गांव राजावाला पहुंचा। शहीद जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही राजावाला पहुंचा तो सबकी आंखें नम हो गई। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। वहीं, शहीद टीकम सिंह नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ प्रेमनगर घाट पर किया गया।बता दें कि बीती 3 अप्रैल को भारत चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख के नॉर्दर्न सब सेक्टर में स्पेशल मिशन पर गए आईटीबीपी के सहायक कमांडेंट टीकम सिंह नेगी शहीद हो गए थे। टीकम सिंह नेगी पूर्वी लद्दाख में ड्यूटी में तैनात थे। जहां टीकम नेगी देश के लिए शहीद हो गए। उनके शहीद होते ही राजावाला क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई थी।. टीकम सिंह नेगी का चार साल का बेटा भी है और वो दो भाई बहन थे। टीकम सिंह नेगी का

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परिवार देहरादून जिले के सेलाकुई के राजावाला में रहता है। आज शहीद टीकम सिंह का पार्थिव शरीर देहरादून लाया गया, उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजावाला पहुंचाया गया। पार्थिव शरीर घर लाते ही अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया।. वहीं, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने राजावाला पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। तस्वीर को सीने से लगाकर रो पड़ी बहन, मां बोली- कैसे शहीद हो सकता है उनका बेटा  वहीं, माहौल तब और गमगीन हो गया, जब टीकम सिंह नेगी की बहन उनकी तस्वीर को सीने से लगाकर बिलखती रही। इसके अलावा एसएसपी दलीप सिंह कुंवर से टीकम सिंह नेगी की मां पूछती रही कि कैसे उनका बेटा शहीद हो सकता है? चार गोली से वो भी नहीं मर सकती।. ऐसे में उनके बेटे को कहां चोट लगी? जिस पर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर उन्हें ढांढस बंधाते रहे। टीकम सिंह नेगी के पिता ने कही ये बातः शहीद के पिता राजेंद्र नेगी ने बताया कि उनके बेटे ने देश के लिए शहादत दी है। उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। उधर, स्थानीय जनप्रतिनिधि और जनता 'टीकम सिंह अमर रहे' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए अंतिम दर्शन करने पहुंचे।. सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर और कांग्रेस नेता आर्यन्द्र शर्मा ने टीकम सिंह नेगी की शहादत को देश एवं प्रदेश के लिए गर्व की बात बताते हुए बड़ी क्षति भी बताया।