विनोद नौटियाल  / ऊखीमठ  दस्तक पहाड न्यूज-  पंचकेदार गद्दीस्थल ओंरारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर अपने सभामंडप में विराजमान हो गए हैं। शुक्रवार को बाबा मद्महेश्वर सभामंडप में ही विराजमान रहेंगे। जबकि शनिवार को द्वितीय केदार अपने शीतकालीन गद्दी स्थल से धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां 22 मई को विधि-विधान के साथ ग्रीष्मकाल के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे।

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गुरुवार को प्रातः 7 बजे से पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में बाबा मध्यमहेश्वर की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई। । सुबह 9.30 बजे भगवान मद्महेश्वर की भोग मूर्तियों को गर्भगृह से ओंकारेश्वर मंदिर के सभामंडप में लाया गया। यहां पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में ब्राह्मणखोली के दस्तूरदार ब्राह्मण विश्वमोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, राजन सेमवाल और वेद प्रकाश जमलोकी ने पंचोपचार पूजा, षोडस मात्रिका और नवग्रह पूजा संपादित की। इसके बाद रावल भीमाशंकर लिंग ने मद्महेश्वर के लिए नियुक्त पुजारी बागेश लिंग को छह माह की पूजा का संकल्प कराया और आशीर्वाद दिया। सभी धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के उपरांत पुजारी शिवाचार्य केदार लिंग, शिव शंकर लिंग और टी.गंगाधर लिंग ने द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की भोगमूर्तियों को ओंकारेश्वर मंदिर के सभामंडप से मद्ममहेश्वर के सभामंडप में विराजमान किया। जहां पर पंच गौंडारियों की मौजूदगी में पुजारी बागेश लिंग ने द्वितीय केदार मद्ममहेश्वर को भोग लगाते हुए स्वर्ण श्रृंगार किया। साथ ही आरती उतारी। साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में दस्तूरदार स्थानीय महिलाओं द्वारा नये अनाज का भोग (छाबड़ी) बनाया गया और अपने हाथों से बनायी गयी पूरी,पकोड़ी एवं प्रसाद भगवान मध्यमहेश्वर को अर्पण करते हुए अपने आराध्य से सुख- समृद्धि की मनौतियां मांगी। इस मौके पर मख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर के सुपरइवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण रमेश नेगी, दिलवर नेगी, पकज भट्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भट्ट, मुकुंद सिंह पंवार, वीर सिंह पंवार पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, भूपेंद्र पंवार स्थानीय महिलाएं सुन्दरी देवी, संगीता कुंवर, बिमला राणा, पूनम नौटियाल, विनोदी शैव, पूनम बर्त्वाल, आशा बर्त्वाल,सोनम बर्त्वाल आदि मौजूद थे। भगवान मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली 20 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम के लिए प्रस्थान करेगी और रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव पहुंचेगी। जबकि 21 मई को बाबा की डोली गौंडार गांव में रात्रि प्रवास करेगी। 22 को गौंडार गांव से अपने धाम के लिए प्रस्थान करेगी और उसी दिन पूर्वान्ह में मंदिर के कपाट खोल दिये जाएंगे।