हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज - अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र इन दिनों एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में एक पुलिस कर्मी बारिस के समय अगस्त्यमुनि बस स्टैण्ड में सड़क पर बने गढ़ढ़ों में गत्ते डालकर गढ़ढ़ों को भर रहा है। जिससे गाड़ी चलते हुए गढ़ढ़ों का कीचड़ पानी किसी पर न पड सके। दरअसल अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में सड़कों की दुर्दशा और जहाँ-तहाँ बन गए गड्ढे जी आम आदमी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। बरसात में अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में पैदल चलना किसी मुसीबत से कम नहीं है। आजकल

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यात्रा वाहनों की तेज रफ्तार न केवल पैदल चलने वालों के लिए जान का खतरा बना हुआ है बल्कि गढ़ढ़ों में भरा कीचढ़ और पानी भी कब आपको नहला दे कहा नहीं जा सकता है। यहां के व्यापारी लंबे समय से सिल्ली से बेडूबगड़ तक सड़क की स्थिति सुधारने की मांग उठाते रहे हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट और महामंत्री त्रिभुवन नेगी ने बताया कि लगातार शासन-प्रशासन से पत्र-व्यवहार कर रहे हैं और शासन प्रशासन से भी कई बार पत्र व्यवहार और वार्ता हुई है। जनता की इस बड़ी समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है। नगर के व्यापारी हिमांशु भट्ट ने इस सड़क में गड्ढों को लेकर सरकार द्वारा घोषित पीडब्ल्यूडी पैच रिपोर्टिंग ऐप पोर्टल पर शिकायत डाली थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद 2-4 दिन लगातार एन एच के ठेकेदार के कर्मी आते रहे और इन गड्ढों को मिट्टी से या तारकोल से भरते रहे, मगर उनकी गुणवत्ता सही न होने के कारण यह फिर उखड़ कर ऐसे ही गड्ढे बनते गये। एक दिन एक पुलिसकर्मी ने किसी दुकान से गत्ते लाकर इन गड्ढों को ढक दिया। सड़क के बीचों बीच गड्ढों को बोरी और गत्ते से ढकने वाले पुलिसकर्मी वीरेंद्र तोमर ने बताया कि वह हरिद्वार से यहां 1 माह पूर्व ड्यूटी पर आए हैं। अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में जहां पर पुलिस का केबिन बना है, उसके सामने यह गड्ढा बना हुआ है और बारिश की वजह से वाहनों के चलने से गड्ढे का कीचड़ उन पर और पैदल आने जाने वाले बच्चे-बूढ़े सब पर पड़ रहा था। तब उन्होंने मानवता के नाते यह कार्य किया है।