दस्तक पहाड न्यूज  / अगस्त्यमुनि। केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि में “जी 20 सम्मेलन में नई शिक्षा पॉलिसी में मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक“ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि के दसवीं तथा 12वीं में टॉप करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि खण्ड विकास अधिकारी प्रवीण भट्ट ने कहा कि किसी देश की प्रगति में उसकी शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना आवश्यक है। नई शिक्षा नीति 2020 में मूलभूत साक्षरता एवं

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संख्यात्मक को प्राथमिकता देता है जो बच्चे के सर्वांगीण के लिए अति महत्वपूर्ण है। मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक के जिला समन्वयक आशुतोष गौड़ ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बुनियादी बातों के साथ-साथ, सामाजिक और भावनात्मक कौशल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो शिक्षा और विकास के लिए एक मजबूत नींव रखती है। बच्चों के लिए शुरूआती शिक्षा की जिला समन्वयक प्रेरणा रतूड़ी ने नई शिक्षा नीति में बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान कैसे दें, के सम्बन्ध में विस्तार चर्चा की। केन्द्रीय विद्यालय की शिक्षिक वर्षा कुमारी ने मूलभूत साक्षरता पर चर्चा करते हुए बच्चों को आंगनवाड़ी शिक्षा के तहत सुनना समझना, पढ़ना एवं लिखना किस प्रकार से सिखाया जाय, इस पर विस्तार से जानकारी दी। शिक्षक केवी जोशी ने संख्यात्मक शिक्षा के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि अंागनवाड़ी के पहले तीन वर्ष महत्वपूर्ण हैं। जिसमें बच्चों को बुनियादी शिक्षा के साथ ही अपने परिवेश को समझना तथा उससे सीखना है। अउराइका अगस्त्यमुनि के प्रधानाचार्य हरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि नई शिक्षा नीति आज की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए केवि के प्राचार्य अनीश चन्द्र जोशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में यह सुनिश्चित करने के लिए निपुन भारत मिशन की शुरुआत की कि देश में हर बच्चा आवश्यक रूप से वर्ष 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक मूलभूत साक्षरता प्राप्त कर ले। कार्यक्रम को विद्यालय के दूसरी कक्षा के छात्र कौस्तुभ काण्डपाल एवं दसवीं कक्षा की छात्रा प्रगति ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा योग क्रियाओ का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।