दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि स्तक पहाड न्यूज - केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों पर पिछले वर्ष अक्टूबर माह में लगी सोने की परत पीतल में बदल जाने का हैरतअंगेज आरोप सामने आया है। बता दें कि विगत वर्ष धनतेरस पर 230 किलो ग्राम वजनी अलग-अलग माप की 560-565 सोने की परतों का रहाँ इस्तेमाल हुआ था। गर्भगृह की दीवारें, छत, छत्र, शिवलिंग की चौखट, सब कुछ स्वर्णमंडित कर दिया गया था। इससे पहले, केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह की दीवारों पर चांदी परतें लगी हुई थीं। चांदी की जगह सोने की परतें लगाने का प्रस्ताव

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समिति को पिछले साल अगस्त में मुंबई के शिवभक्त लक्खी परिवार से मिला था। समिति ने उत्तराखंड सरकार की अनुमति लेने के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।गर्भगृह का आवश्यक माप इत्यादि लेकर उसके अनुरूप दिल्ली में सोने की परतें तैयार की गयीं और उन्हें ट्रक में भरकर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ के आधारशिविर गौरीकुंड तक लाया गया। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से 18 खच्चरों पर लाद कर इन्हें केदारनाथ पहुंचाया गया और मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया । समिति के अध्यक्ष ने बताया कि गर्भगृह में सोने की परतें चढ़ाने के मामले में धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और पुरातत्व विशेषज्ञों की सलाह का पूरा पालन किया गया । तीन दिन तक चले कार्य के दौरान एएसआई के दो अधिकारी मौके पर लगातार मौजूद रहे थे। लेकिन अब यहां से सोना गायब होने की चर्चा शुरू हो गई है। चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केदारनाथ धाम में सोने के नाम पर पीतल की परत चिपकाई गई है। इसके जरिए सवा अरब रुपए की धांधली को अंजाम दिया गया है। संतोष त्रिवेदी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो विशाल जन आंदोलन किया जाएगा। संतोष त्रिवेदी ने कहा कि करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों और सनातनीयों की आस्था के केंद्र बाबा केदार के गर्भ गृह को पिछले वर्ष ही कपाट बंद होने से चंद दिनों पहले स्वर्ण मंडित किया गया था। अब यह पीतल होने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कुकृत्य को अंजाम देना करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों और सनातनियों की आस्था पर कुठाराघात है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले चंद दिनों में भव्य जन आंदोलन को अंजाम दिया जाएगा। चार धाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि जब बाबा केदार के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किए जाने की बात हो रही थी, उस वक्त चारधाम महापंचायत के साथ मंदिर से जुड़े तमाम जिम्मेदारों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि बाबा केदार के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करके परंपरा में हस्तक्षेप किया गया है। अब इस धांधली के बाद लोगों की आस्था पर प्रहार हुआ है। डिस्क्लेमर: इस आरोप का वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। हालांकि दस्तक पहाड न्यूज पोर्टल इस वायरल खबर की पुष्टि नहीं करता है।