अष्टादश महापुराण के लिए अगस्त्यमुनि पहुंचे 18 पुराण, 19 जून से होगा विश्वमंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश पुराण
1 min read16/06/2023 12:56 pm
हरीश गुसाई / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज – अगस्त्यमुनि में 51 वर्षों बाद 19 जून से आयोजित होने वाले विश्व मंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण को लेकर आयोजन समिति द्वारा कोटेश्वर महादेव मन्दिर रूद्रप्रयाग से 18 पुराण ग्रन्थों को वेद मंत्रों के उच्चारणों एवं जयघोषों के साथ अगस्त्यमुनि लाया गया। जहां पर स्थानीय लोगों ने ढ़ोल दमाऊ के साथ इन धर्म ग्रन्थों का भव्य स्वागत किया। फिलहाल ये धर्मग्रन्थ नाकोट ग्राम के पधान परिवार के सदस्य चन्द्र सिंह नेगी द्वारा बनाई गई दयाल कुटीर में रखे गये हैं। 19 जून को महायज्ञ प्रारम्भ होने के अवसर पर यहां से ये सभी 18 पुराण ग्रन्थ आचार्यों एवं ब्राह्मणों के समूहों द्वारा मन्त्रोचार एवं जयघोषों के साथ महायज्ञ स्थल पर लाये जायेंगे।
गुरूवार को विश्वमंगलम महायज्ञ आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा कोटेश्वर महादेव मन्दिर रूद्रप्रयाग पहुंचकर कोटेश्वर मन्दिर के महन्त शिवानन्द महाराज से वहां संजोकर रखे गये 18 पुराण धर्मग्रन्थों को अगस्त्यमुनि ले जाने की अनुमति मांगी गई। महन्त शिवानन्द जी द्वारा अनुमति दी जाने के बाद आयोजन समिति के सदस्यों ने आचार्य गंगाराम सकलानी द्वारा मंत्रोचार एवं जयघोष एवं विधि विधान के साथ धर्मग्रन्थों को आदर सहित सर में उठाकर लाया गया। इस अवसर पर शिवानन्द महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में इन पुराणों का बहुत बडा महत्व होता है। इन पुराणों के दर्शन मात्र से ही पुण्य का लाभ होता हैै। अगस्त्यमुनि पहंुचने पर कीर्तन मण्डली के सदस्यों के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने ढ़ोल दमाऊ तथा पुष्पवर्षा कर धर्मग्रन्थों का स्वागत किया। ये धर्मग्रन्थ फिलहाल नाकोट ग्राम के पधान परिवार के सदस्य चन्द्रसिंह नेगी द्वारा साधु सन्तों के विश्राम हेतु बनाई गई दयाल कुटीर में रखे गये हैं। आयोजन समिति के संयोजक हर्षवर्धन बेंजवाल, अध्यक्ष धीरसिंह नेगी एवं सचिव चन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि इस महा अनुष्ठान में मुनि अगस्त्य महाराज के आशीर्वाद से न केवल जनपद के बल्कि पूरे उत्तराखण्ड से लोगों का सहयोग मिल रहा है। इस विश्वमंगलम महायज्ञ में 18 पुराण, दो उप पुराण तथा एक उपनिषद् का पाठ किया जायेगा। महायज्ञ हेतु विभिन्न ग्रामों से अग्याल आनी प्रारम्भ हो गई हे। सर्वप्रथम फलई ग्राम से प्रधान विजयपाल राणा एवं हरीश गुसाईं ने महायज्ञ हेतु अग्याल भेंट की। इस अवसर पर समिति के सदस्य कुंवर सजवाण, हरीश गुसाईं, विजयपाल राणा, नवीन बिष्ट, राजेश बगवाड़ी, गिरीश बेंजवाल, दिग्पाल सिंह नेगी, भूपेन्द्र राणा सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
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