भाईचारे की मिसाल बना अगस्त्यमुनि विश्व मंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण, उमड़ रहे है श्रद्धालु, मुस्लिम भक्त ने किया भण्डारा
1 min read22/06/2023 4:19 pm
हरीश गुसाई / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। अगस्त्यमुनि में 51 वर्षों बाद आयोजित हो रहे विश्वमंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण को लेकर स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन दूर दूर से बड़ी संख्या में भक्त जन पुराणों की कथा सुनने खेल मैदान अगस्त्यमुनि में पहुंच रहे हैं। पाण्डाल में बैठने की भी जगह नहीं मिल पा रही। जो भक्त जमीन पर नहीं बैठ पा रहे हैं, उनके लिए आयोजकों द्वारा मुख्य पाण्डाल के सामने एक छोटा पाण्डाल लगाया गया है। वे वहां बैठ कर कथा श्रवण कर रहे हैं। गुरूवार को आचार्यों द्वारा श्रीमद ्भागवत, शिव पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, पद्म पुराण, स्कन्द पुराण, नाराद पुराण, भविष्य पुराण, गणेश पुराण व श्रीमद् देवी भागवत तथा उपनिषद की कथा का वाचन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा का वाचन आचार्य बृजमोहन सेमवाल द्वारा, शिव पुराण आचार्य लम्बोधर मैठाणी, श्रीमद् देवी भागवत का आचार्य अनिल बेंजवाल, पद्म पुराण आचार्य डॉ कैलाश घिल्डियाल, स्कन्द पुराण आचार्य नीलकण्ठ पुरोहित, नाराद पुराण आचार्य द्वारिका प्रसाद गौड़, भविष्य पुराण आचार्य डॉ आलोक सेमवाल, गणेश पुराण आचार्य अरविन्द पुरोहित एवं ब्रह्माण्ड पुराण आचार्य चन्द्रप्रकाश डिमरी द्वारा किया गया। व्यास पीठ पर बैठे आचार्यों ने अष्टादश महापुराणों की कथा का वाचन करते हुए कहा कि 18 पुराणो को देखने मात्र से ही पुण्य का लाभ मिलता है। इनको सुनने से मनुष्य जीवन सफल हो जाता है। बताया कि पुराण शब्द का अर्थ है प्राचीन कथा। ये विश्व साहित्य के प्राचीनतम ग्रँथ हैं। इनमें लिखित ज्ञान और नैतिकता की बातें आज भी प्रासंगिक, अमूल्य तथा मानव सभ्यता की आधारशिला हैं। वेदों की भाषा तथा शैली थोड़ा कठिन है। जबकि पुराण उसी ज्ञान के सहज तथा रोचक संस्करण हैं। पुराणों में जटिल तथ्यों को कथाओं के माध्यम से समझाया गया है। इन पुराणों में भगवान विष्णु, बालक ध्रुव, तथा कृष्णावतार की कथायें संकलित हैं। जिनका रसास्वादन आपको व्यास पीठ पर बैठे आचार्य करा रहे हैं। आयोजन समिति के संयोजक हर्षवर्धन बेंजवाल, अध्यक्ष धीरसिंह नेगी तथा सचिव चन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि प्रत्येक दिन आचार्य गणों के लिए कथा वाचन हेतु समय निर्धारित किया गया है। जिससे सभी आचायों को अपनी बात कहने तथा श्रद्धालुओं को सभी पुराणों की कथा सुनने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कथा श्रवण करने आ रहे श्रद्धालुओ का आभार जताते हुए कहा कि आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओं के सहयोग से भण्डारे का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। सभी धर्मो के श्रद्धालु जन भी बड़ी श्रद्धा से भण्डारे हेतु दान कर पुण्य लाभ ले रहे हैं। आज के भण्डारे के लिए जिला व्यापार संघ के पदाधिकारी मोहम्मद उस्मान द्वारा व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति उनका भी बहुत आभार व्यक्त करती है। इस अवसर पर आयोजन समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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