दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड न्यूज  वनंतरा रिसार्ट में हुए बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड को लंबा समय बीत गया है, लेकिन अभी तक कोर्ट ने फैसला लटका कर रखा है। जबकि पुलिस द्वारा आरोपी भी  गिरफ्तार किए जा चुके है। गिरफ्तार आरोपी बीजेपी के बड़े नेता का पुत्र है जिसे बचाने को लेकर लगातार प्रेशर डाला जा रहे है। वही इस पूरे मामले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी चिन्ता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वो अंकिता भंडारी की माताजी और पिताजी के आत्महत्या वाले बयान से दुखी है। एक बालिका जिसकी हत्या के

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प्रकरण ने उत्तराखंड सहित सारी मानवता को हिला दिया जो खुद अपने फेसबुक मैसेज में अपनी हत्या और उसके कारणों को लेकर बहुत कुछ कह रही थी। कोर्ट में ट्रायल के दौरान उसके माता-पिता का लगातार यह कहना कि हमें सरकारी अधिवक्ता पर विश्वास नहीं है और अधिवक्ता बदलो की उनकी मांग पर सरकार के रहस्यमय चुप्पी क्या आपके मन को गहराई तक नहीं कचोटती है? वह #VIP कौन? जिसको बचाने के लिए सरकार है मौन !! यही तथ्य आपको, हमको, सबको अत्यधिक चिंता में डालने वाला है और अब जब उसके माता-पिता संदेह कर रहे हैं, सरकार के अधिवक्ता को बदलने की मांग कर रहे हैं, उस पर सरकार की चुप्पी तो वीआईपी पर उनके मौन से स्पष्ट हो जाती है, मगर उत्तराखंड क्यों मौन है ? प्रबुद्ध समाज क्यों मौन है? मैं यह समझ पाने में असमर्थ हूं। एक जबरदस्त उबाल आया उत्तराखंड में और अब इस तरीके से शांत हो गया जैसे उत्तराखंड रूपी इस समुद्र में कभी उफान आया ही नहीं‌। अब भगवान न करें कभी उद्वेलित करने वाले ऐसे प्रसंग आएंगे तो हम जैसे लोगों को उन प्रसंगों में पीड़ित लोगों के साथ खड़े होने में सोचना पड़ेगा! क्योंकि समय तो हमसे भी हिसाब मांगेगा, आप भी तो उनके घर से लेकर के सड़कों तक लोगों की उठती हुई आवाजों के साथ खड़े थे अब क्या हो गया? अंकिता के माता-पिता भले ही हमको संबोधित करके न कह रहे हों लेकिन मुझे उनके हर शब्द से यह आभास होता है जैसे उनका एक-एक शब्द मुझसे सवाल कर रहा है कि आखिर तुम क्यों मौन हो?