19 जुलाई को खुलेंगे उर्गम घाटी स्थित भगवान फ्यूलानारायण के कपाट
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02/07/20237:52 pm
दीपक बेंजवाल / उर्गम
जनपद चमोली की उर्गम घाटी में स्थित भगवान फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट 19 जुलाई को पूजा अर्चना के बाद खोल दिए जाएंगे। भगवान फ्यूंलानारायण मंदिर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बुग्यालों में स्थित है।
उर्गम घाटी के स्थानीय निवासी रघुवीर सिंह नेगी ने बताया की फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट हर साल श्रावण संक्रांति पर भक्तों के लिए खोले जाते हैं। क्षेत्र के भरकी, भेंटा, ग्वाणा, ओरोसी और पिल्खी गांव के ग्रामीण भोग सामग्री लेकर मंदिर पहुंचते है। इस साल पंचायत की ओर से चंद्रमोहन पवांर को पुजारी नियुक्त किया गया है। पुजारी नंदा अष्टमी (सितंबर माह) पर कपाट बंद होने तक मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।
कपाट खुलने से पूर्व भर्की गाँव के सुनल देवी मंदिर में हकहकूधारी स्थानीय भूमियाल देवताओं से यात्रा की अनुमति मांगते है। जिसके उपरांत यात्रा में शामिल हो रहे प्रत्येक यात्री को देव पश्वा आशीर्वाद देते है। भगवान फ्यूंलानारायण की पूजा के लिए पुजारी परिवार गाय बछड़ों को भी साथ ले जाता है।
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19 जुलाई को खुलेंगे उर्गम घाटी स्थित भगवान फ्यूलानारायण के कपाट
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दीपक बेंजवाल / उर्गम
जनपद चमोली की उर्गम घाटी में स्थित भगवान फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट 19 जुलाई को पूजा अर्चना के बाद खोल दिए जाएंगे। भगवान फ्यूंलानारायण मंदिर 10 हजार फीट
की ऊंचाई पर बुग्यालों में स्थित है।
उर्गम घाटी के स्थानीय निवासी रघुवीर सिंह नेगी ने बताया की फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट हर साल श्रावण संक्रांति पर भक्तों के लिए खोले जाते हैं। क्षेत्र
के भरकी, भेंटा, ग्वाणा, ओरोसी और पिल्खी गांव के ग्रामीण भोग सामग्री लेकर मंदिर पहुंचते है। इस साल पंचायत की ओर से चंद्रमोहन पवांर को पुजारी नियुक्त किया
गया है। पुजारी नंदा अष्टमी (सितंबर माह) पर कपाट बंद होने तक मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।
कपाट खुलने से पूर्व भर्की गाँव के सुनल देवी मंदिर में हकहकूधारी स्थानीय भूमियाल देवताओं से यात्रा की अनुमति मांगते है। जिसके उपरांत यात्रा में शामिल
हो रहे प्रत्येक यात्री को देव पश्वा आशीर्वाद देते है। भगवान फ्यूंलानारायण की पूजा के लिए पुजारी परिवार गाय बछड़ों को भी साथ ले जाता है।