हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि। सहारा न्यूज ब्यूरो। राबाइका अगस्त्यमुनि में वर्षों से शिक्षिकाओं के अनेक पद रिक्त होने से शिक्षण कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। जिससे 16 ग्राम सभाओं की 250 से अधिक छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। इस पर अभिभावक संघ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से इसी सत्र में शिक्षिकाओं के पदों को भरने की मांग की है। ऐसा न होने पर अभिभावक संघ को बाध्य होकर आन्दोलन करना पड़ेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग एवं सरकार की होगी। इसके लिए संघ ने शिक्षा सचिव, महानिदेशक, निदेशक तथा अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा को ज्ञापन भेजा है। शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष धर्मेन्द बर्त्वाल ने बताया कि विद्यालय में

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प्रधानाचार्या सहित प्रवक्ता के सात एवं सअ एलटी के 3 पद रिक्त चल रहे थे। विद्यालय में प्रधानाचार्या का पद 2018 से, प्रवक्ता भौतिक विज्ञान का पद 2013 से, प्रवक्ता राजनीति विज्ञान का पद 2013 से प्रवक्ता अर्थशास्त्र का पद 2007 से, प्रवक्ता का पद 2010 से, प्रवक्ता संस्कृत का पद 2018 से, प्रवक्ता अंग्रेजी का पद 2021 से, सअ एलटी गणित का पद 2013 से तथा सअ व्यायाम का पद 2021 से रिक्त चल रहा है। इसके बाबजूद इस वर्ष विद्यालय से प्रवक्ता गृह विज्ञान तथा सअ सामाजिक विज्ञान का स्थानान्तरण कर दिया गया है। इनके जाने के बाद विद्यालय का पठन पाठन पूर्णतः अव्यवस्थित हो जायेगा। ऐसे में विद्यालय में पढ़ रही 250 से अधिक छात्राओं का भविष्य चोपट हो जायेगा। एक ओर सरकार इस विद्यालय को कलस्टर विद्यालय के रूप में विकसित करने जा रही है वहीं दूसरी ओर इस विद्यालय को शिक्षिका विहीन कर शिक्षण कार्य बाधित किया जा रहा है। हर वर्ष यहां से एक, दो शिक्षिकाओं का स्थानान्तरण कर दिया जाता है। कहने को इनके स्थान पर शिक्षिकायें भेजी जाती हैं परन्तु विद्यालय सुगम होने के बाबजूद कोई भी यहां नही आना चाहता है। विभाग द्वारा गलत कोटिकरण करने की सजा यह विद्यालय भुगत रहा है। विद्यालय कोटिकरण की स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय रूद्रप्रयाग स्थित राबाइका तो दुर्गम हो जाता है और ब्लॉक मुख्यालय अगस्त्यमुनि का विद्यालय सुगम। ऐसे में हर कोई अगस्त्यमुनि जैसे सुगम के बजाय रूद्रप्रयाग जैसे दुर्गम में जाना ही पसन्द करेगा। इस विद्यालय को भले ही विभाग ने शिक्षिका विहीन कर दिया हो परन्तु इस विद्यालय में शिक्षणेत्तर गतिविधियां हर समय चलती रहती है। इस विद्यालय में कक्षा कक्षों की भारी कमी होने के बाबजूद इस विद्यालय को जनपद में बोर्ड परीक्षा का सबसे बड़ा केन्द्र बना दिया गया है। बोर्ड परीक्षा के लिए इसे उपसंकलन केन्द्र होने के साथ ही उप मूल्यांकन केन्द्र भी बनाया गया है। समय समय पर शिक्षकों की सेवा अवधि में होने वाले प्रशिक्षण भी यहां आयोजित किए जाते हैं। जबकि विद्यालय में ब्लॉक स्तरीय, जिला स्तरीय विज्ञान, संस्कृत एवं अन्य प्रतियोगितायें भी इसी विद्यालय में आयोजित की जाती है। यानी विद्यालय में शिक्षण कार्य के अलावा सभी गतिविधियां होती है। शिक्षक अभिभावक संघ ने विभाग एवं सरकार से विद्यालय में शिक्षिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरने की मांग की है। अन्यथा उन्हें आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन में त्रिलोक, बीना देवी, कंचन, दीपा, कौशल्या, रजनी, विनोद कुमार, मालती, सुनीता, सावित्री, सुशील, नता देवी, दर्शग्न रावत, राजकुमार, शिशुपाल, देवी लाल, राकेश लाल, विश्वेश्वर लाल, पार्वती देवी, रेखा देवी सहित कई अभिभावकों के हस्ताक्षर थे।