गुरूपर्व पर अगस्त्यमुनि मंदिर और बेंजी गाँव में किया गया शंकराचार्य माधवाश्रम का दिव्य पूजन
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03/07/20237:20 pm
दस्तक पहाड न्यूज / अगस्त्यमुनि
गुरू पूर्णिमा के सुअवसर पर श्री अगस्त्य मन्दिर में ज्योतिषपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम के शिष्यों और अनुयायियों, भक्तों ने पूजा-अर्चना कर गुरु पूजन किया। कार्यक्रम आयोजक एवं अगस्त्य कीर्तन मंडली अध्यक्षा शाकम्भरी खत्री ने कहा गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति आस्था और समर्पण का पर्व है। हमारा आहोभाग्य है इस पुण्य भूमि में शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी के रूप में दिव्य विभूति का जन्म हुआ है। उन्होंने संपूर्ण भारत में सनातन धर्म और गौ, गंगा, हिमालय के लिए प्रेरणादायक कार्य किए है। श्री अगस्त्य मन्दिर के आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने पूजा आर्चना की। उन्होंने बताया आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और अपना सारा भार गुरु को दे देता है।
इस अवसर पर श्री अगस्त्य मन्दिर मठाधीश योगेश बेंजवाल, कीर्तन मंडली से सावित्री खत्री, वैष्णी देवी सेमवाल, चंद्रकला बेंजवाल, मगनी देवी नैथानी, कान्ति देवी रावत, समा भंडारी, शांति देवी नवानी, निर्मला मलासी, शकुन्तला देवी चौहान समेत बड़ी संख्या में महिलाए उपस्थित रही।
शंकराचार्य माधवाश्रम जी की जन्म स्थली में भी ग्रामीणों ने शंकराचार्य स्मारक पर एकत्रित होकर उनकी प्रतिमा का अभिषेक पूजा के साथ चरण पादुका पूजन कर हर्षोल्लास के साथ गुरूपर्व मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य अनिल बेंजवाल ने कहा अविद्या रूपी अंधकार जिसके अंदर है, गुरु उसको दूर करता है। आज का पर्व पूरे विश्व के लिए मंगलकारी हो।
ग्राम बेंजी में गुरू पूजन करते ग्रामीण
शंकराचार्य माधवाश्रम स्मारक समिति के अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद बेंजवाल ने कहा कि इस दिन गुरु के लिए किए गए पूजन और दान पुण्य का अलग महत्व होता है। जीवन को सही दिशा प्रदान करने का कार्य गुरु ही करता है। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को अपने गुरु के प्रति आस्था और विश्वास रखना चाहिए।
इस अवसर पर शंकराचार्य स्मारक समिति के उपाध्यक्ष कात्यायनी प्रसाद बेंजवाल, उपाध्यक्ष जगदंबा बेंजवाल, सचिव रमाकांत बेंजवाल, कोषाध्यक्ष कैलाश बेंजवाल, रमेश बेंजवाल, सत्यप्रकाश बेंजवाल, प्रभाकर बेंजवाल, सर्वेश्वर बेंजवाल, महिला मंगल दल अध्यक्षा प्रमिला देवी, भागेश्वरी देवी, सुमेधा देवी, भागीरथी देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए।
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गुरूपर्व पर अगस्त्यमुनि मंदिर और बेंजी गाँव में किया गया शंकराचार्य माधवाश्रम का दिव्य पूजन
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गुरू पूर्णिमा के सुअवसर पर श्री अगस्त्य मन्दिर में ज्योतिषपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम के शिष्यों और अनुयायियों,
भक्तों ने पूजा-अर्चना कर गुरु पूजन किया। कार्यक्रम आयोजक एवं अगस्त्य कीर्तन मंडली अध्यक्षा शाकम्भरी खत्री ने कहा गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति आस्था और
समर्पण का पर्व है। हमारा आहोभाग्य है इस पुण्य भूमि में शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी के रूप में दिव्य विभूति का जन्म हुआ है। उन्होंने संपूर्ण भारत में
सनातन धर्म और गौ, गंगा, हिमालय के लिए प्रेरणादायक कार्य किए है। श्री अगस्त्य मन्दिर के आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने पूजा आर्चना की। उन्होंने बताया आषाढ़
की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है शिष्य इस
दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और अपना सारा भार गुरु को दे देता है।
इस अवसर पर श्री अगस्त्य मन्दिर मठाधीश योगेश बेंजवाल, कीर्तन मंडली से सावित्री खत्री, वैष्णी देवी सेमवाल, चंद्रकला बेंजवाल, मगनी देवी नैथानी, कान्ति देवी
रावत, समा भंडारी, शांति देवी नवानी, निर्मला मलासी, शकुन्तला देवी चौहान समेत बड़ी संख्या में महिलाए उपस्थित रही।
शंकराचार्य माधवाश्रम जी की जन्म स्थली में भी ग्रामीणों ने शंकराचार्य स्मारक पर एकत्रित होकर उनकी प्रतिमा का अभिषेक पूजा के साथ चरण पादुका पूजन कर
हर्षोल्लास के साथ गुरूपर्व मनाया गया। इस अवसर पर आचार्य अनिल बेंजवाल ने कहा अविद्या रूपी अंधकार जिसके अंदर है, गुरु उसको दूर करता है। आज का पर्व पूरे
विश्व के लिए मंगलकारी हो।
[caption id="attachment_31823" align="aligncenter" width="1080"] ग्राम बेंजी में गुरू पूजन करते ग्रामीण[/caption]
शंकराचार्य माधवाश्रम स्मारक समिति के अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद बेंजवाल ने कहा कि इस दिन गुरु के लिए किए गए पूजन और दान पुण्य का अलग महत्व होता है। जीवन को
सही दिशा प्रदान करने का कार्य गुरु ही करता है। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को अपने गुरु के प्रति आस्था और विश्वास रखना चाहिए।
इस अवसर पर शंकराचार्य स्मारक समिति के उपाध्यक्ष कात्यायनी प्रसाद बेंजवाल, उपाध्यक्ष जगदंबा बेंजवाल, सचिव रमाकांत बेंजवाल, कोषाध्यक्ष कैलाश बेंजवाल,
रमेश बेंजवाल, सत्यप्रकाश बेंजवाल, प्रभाकर बेंजवाल, सर्वेश्वर बेंजवाल, महिला मंगल दल अध्यक्षा प्रमिला देवी, भागेश्वरी देवी, सुमेधा देवी, भागीरथी देवी
समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए।