दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज- चारापत्ती के लिए जंगल गई फलई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी ने बृहस्पतिवार सुबह गुलदार के साथ हुए संघर्ष में बहादुरी से भिड़कर अपनी और अपनी बहू पूनम की जान बचा दी। हालांकि इस संघर्ष में जानकी देवी को भी गहरी चोटें लगी है लेकिन उनकी बहादुरी से दो जाने बच गई।

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[caption id="attachment_31854" align="aligncenter" width="1280"] सीएचसी अगस्त्यमुनि में जानकी देवी का इलाज करते चिकित्सक[/caption] जानकारी के अनुसार रोज की तरह फलई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी धर्म पत्नी सते सिंह राणा 32 वर्षीय अपनी बहू पूनम धर्मपत्नी केशर सिंह राणा के साथ रायड़ी और पावर प्रोजेक्ट के बीच लगे गांव के जंगल में चारापत्ती लाने गई। लेकिन वहाँ घात लगाए गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले ने उन्हें चौका दिया लेकिन बाद में खुद को सम्हालते हुए जानकी देवी हिम्मत दिखाते हुए गुलदार से भिड़ गई। लंबे समय तक चले इस संघर्ष में लहूलुहान होने के बाद भी जानकी देवी ने दरांती से वार कर गुलदार को भी बुरी तरह से घायल कर दिया, लेकिन गुलदार कई बार वापस लौटकर हमला करता रहा, लेकिन जानकी देवी की बहादुरी के आगे टिक नही सका और भागने पर मजबूर हो गया। हलांकि इस खूनी संघर्ष में जानकी देवी का सिर जगह जगह से फट गया और बड़ी मात्रा में खून भी बहा लेकिन इस सब के बावजूद वो खुद की और अपनी बहू की जान बचाने में सफल हुई। बाद में हो हल्ला मचने पर फलई गांव के ग्रामीण हरीश गुसांई, पूर्व प्रधान महेंद्र राणा, विजय भट्ट, रिन्यू पावर प्रोजेक्ट के जनसंपर्क अधिकारी पृथ्वीपाल रावत, रघुवीर, हरीश लाल घायल जानकी देवी को सीएचसी अगस्त्यमुनि लाए। जहाँ सर्जन वैभव कुमार द्वारा महिला के सिर टांके लगाए गए। इलाज के बाद महिला की हालात स्थिर बताई है। इधर सीएचसी अगस्त्यमुनि के चिकित्साधीक्षक डाक्टर विशाल सिंह ने बताया कि महिला के सिर पर गंभीर चोटे है, बड़ी मात्रा में खून भी बहा है, ब्रैन इंजरी को देखते हुए ऐहतियातन सीटी स्कैन के लिए आगे रैफर कर दिया गया है।   ग्रामीणों की सूचना पर उत्तरी जखोली रेंज के वनक्षेत्राधिकारी पूर्ण सिंह रावत महिला का हालचाल पूछने सीएचसी पहुँचे। उन्होंने बताया कि हमले की सूचना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है, घायल को नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।। वही ग्रामीणों ने वनक्षेत्राधिकारी से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने और उसे आदमखोर घोषित करने की मांग की है। जिस पर वनक्षेत्राधिकारी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि घायल गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में फोरेस्ट गश्त बढ़ाने के साथ ट्रैप कैमरे लगाकर लोकेशन ट्रैक किए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।