तुंगनाथ घाटी एवं मध्यमहेश्वर घाटी में चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान, सेंचुरी वन अधिनियम के उत्पीड़न को लेकर था ऐलान
1 min read08/07/2023 6:14 pm
विनोद नौटियाल / ऊखीमठ
दस्तक पहाड न्यूज – तुंगनाथ घाटी एवं मध्यमहेश्वर घाटी में पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को सेवायें मुहैया कराने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर मक्कूबैण्ड से तुंगनाथ एवं गौण्डार से मध्यमहेश्वर तक बंद रहे।
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जिसके बाद एसडीएम जितेंद्र वर्मा के आश्वासन पर अनिश्चितकालीन बंद स्थगित किया। इस दौरान यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शनिवार को तुंगनाथ घाटी में मक्कूबैण्ड से तुंगनाथ तक व्यवसायी,घोड़ा खच्चर संचालक एवं टैक्सी मैक्सी का संचालन करने वाले स्थानीय लोग प्रात:सात बजे अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में चोपता में एकत्रित हुए। बैठक में स्थानीय लोगों ने अपनी प्रमुख मांगो तुंगनाथ एवं मध्यमहेश्वर धाम एवं पैदल मार्ग के दोनों तरफ 200 मीटर क्षेत्र को सेंचुरी से बाहर करने,इन जगहों पर मूलभूत सुविधाओं का विकास करने,हकहकूकधारियों के अधिकारों को यथावत रखने की मांग की। बैठक को संबोधित करते हुए व्यापार संघ अध्यक्ष चोपता भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि क्षेत्रीय हक हकूकधारी व व्यापारी लोगों से अपनी परम्पराओं का निर्वहन करते आए हैं मगर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा बार बार हक हकूकधारी व व्यापारियों को सेंचुरी वन अधिनियम का हवाला देकर उत्पीड़न किया जा रहा है उन्होने कहा कि केदारनाथ से लेकर कल्पेश्वर तक के भू भाग के विकास में केदरनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेंचुरी वन अधिनियम लागू होने से तीर्थ व पर्यटक स्थलों में मूलभूत विद्युत,संचार,शौचालय,यातायात आदि सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा विगत शीतकालीन सीजन में चोपता से तुंगनाथ जाने वाले पर्यटकों से शुल्क वसूला गया मगर पैदल मार्ग पर कूड़ेदान,शौचालय व प्रतीक्षालयों का निर्माण न होने से पर्यावरण को नुक़सान पहुंच रहा है। बैठक में एसडीएम जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि सभी मुख्य मांगो से शासन को अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में इससे पूर्व भी पत्राचार किया गया है। जिसके बाद उनके आश्वासन पर स्थानीय लोगों ने अनिश्चितकालीन बंद को स्थगित किया।
इस मौके पर एसडीएम जितेंद्र वर्मा,तहसीलदार बलबीर शाह,रेंजर पंकज ध्यानी,व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी,प्रधान विजयपाल नेगी,अरविंद रावत,वीर सिंह पंवार,सचिव विक्रम भंडारी,योगेन्द्र भंडारी,सरपंच विजय सिंह चौहान,अमन भंडारी,शिवानंद पंवार,अशोक चौहान,श्रीचन्द्र सिह रावत,बीरबल चौहान,नरेंद्र चौहान,कमल सिहं,लक्ष्मण सिंह, हापला घाटी प्रधान संघ अध्यक्ष धीरेन्द्र राणा,सतेंद्र नेगी,सज्जन सिंह,नवीन राणा,प्रदीप बर्तवाल सहित तुंगनाथ व हापला घाटी के ग्रामीण उपस्थित रहे।
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तुंगनाथ घाटी एवं मध्यमहेश्वर घाटी में चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान, सेंचुरी वन अधिनियम के उत्पीड़न को लेकर था ऐलान
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