दस्तक पहाड न्यूज  / रुद्रप्रयाग  ग्राम पंचायत बर्सू के राजस्व ग्राम औंण के अस्तित्व के लिए बड़े-बड़े बोल्डर खतरा बन गए हैं। गांव के पीछे की पहाड़ी से लुढ़कर घर, आंगन व खेतों तक पहुंच रहे बोल्डरों से एक आवासीय मकान व शौचालय क्षतिग्रस्त हो चुका है। दो परिवारों ने अपने पुश्तैनी मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ले ली है।

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जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से ढाई किमी की दूरी बसे औंण गांव में 15 परिवार निवास करते हैं। इन परिवारों की आजीविका का मुख्य जरिया खेती, सब्जी उत्पादन और पशुपालन है। औंण गांव की बसागत काफी पुरानी है। चार दिन गांव के हालात काफी खराब हो रखे हैं। गांव के पीछे की पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे जानमाल का खतरा बना है। रविवार से अभी तक पहाड़ी से दस बोल्डर गिरकर गांव तक पहुंच चुके हैं, जिससे एक आवासीय मकान व शौचालय क्षतिग्रस्त हो चुका है। कब, कितना बड़ा बोल्डर गांव तक पहुंच जाए, कहना मुश्किल है। मंगलवार की दोपहर को भी दो विशालका बोल्डर पहाड़ी से गिरकर खेतों तक जा पहुंचे। इस घटना के बाद से ग्रामीणों के दिन का चैन और रातों की नींद उड़ चुक है। ग्रामीण कमल सिंह, श्रेय सिंह, शंकर सिंह, जयपाल सिंह आदि का कहना है कि गांव की बसागत के बाद से यह पहला मौका है, जब पीछे की पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं। वह, इसका प्रमुख कारण गांव के नीचे रेल लाइन की गुजरती निर्माणाधीन सुरंग को मान रहे हैं। दूसरी तरफ औंण गांव की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है। धनपुर पट्टी के गांवों को यातायात से जोड़ने के लिए निर्मित रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ मोटरमार्ग के मलबे से गांव का पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। ग्रामीणों के विरोध के बाद पीएमजीएसवाई ने रास्ते को दुरस्त तो किया। लेकिन हालात अब भी खराब है। साथ ही पुनाड़ गदेरा के ऊपर बनी पुलिया का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया है। संदीप कप्रवाण, पंकज, जसवीर सिंह, सुभाष कप्रवाण का कहना है कि औंण गांव के लिए दो तरफा खतरा पैदा हो गया है। इन हालातों में किसी भी घटना की स्थिति में वह अपनी जान बचाने कहां जाएं।