दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज  - केदारनाथ धाम का मुख्य नगर अगस्त्यमुनि वीआईपी दर्जा प्राप्त होने के बाद भी विभागों की मनमानी का शिकार बना है। गजब हालात तो तब है जब आफिसों में गुहार लगा लगाकर थकने के बाद सरकार द्वारा जोरशोर से प्रचारित लोकनिर्माण विभाग और सड़क मंत्री सतपाल महाराज जी का गढ्ढा ऐप भी यहाँ आकर खुद गढ्ढे में गिरकर नाकाम साबित हुआ है। ताज्जुब की बात ये कि सिर्फ सड़क मंत्री नहीं राज्य के कई मंत्री, संत्री इस सड़क से गुजरे लेकिन गड्ढों पर कार्यवाही करने की

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परवाह किसी को नहीं उठाई। ढीटपना देखिए नगर क्षेत्र में गढ्ढे सिर्फ गढ्ढे ही ना रहे बल्कि हल्की बरसात में तालाब बन जाते है, जिनसे गुजरने वालों की कल्पना खुद की जा सकती है। तकरीबन 15 हजार से अधिक आबादी यहाँ रहती है और लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री और पर्यटक यहाँ से गुजरते है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता।   लेकिन अब इन गड्ढों से परेशान होकर अगस्त्यमुनि की जनता आर पार की लड़ाई के मूड में आ गई है। व्यापार संघ अगस्त्यमुनि के वरिष्ठ व्यापारी शत्रुघ्न नेगी, प्रदेश कार्यकारिणी के मोहन सिंह रौतैला, व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट,  महासचिव त्रिभुवन नेगी, विजय बंगरवाल, हिमांशु भट्ट, विक्की आनन्द सजवाण, मनीष बिष्ट ने पत्र सौंपकर राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड रुद्रप्रयाग को अगस्त्यमुनि मुख्य बाजार व नगर पंचायत क्षेत्र में तत्काल सड़कों के गढ्ढों को भरने व डामरीकरण करने अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत मुख्य बाजार की सड़कों में बारिश के कारण बड़े-बड़े गड्डे हो गये हैं, जिससे कि आम जनता व स्कूली बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि अगस्त्यमुनि से बेड्बगड़ तक विगत 10 सालों से नया डामरीकरण नहीं हो पाया है। इस सन्दर्भ में विभाग को हमारे द्वारा पहले भी पत्र दिया जा चुका है। अगर विभाग तत्काल मुख्य बाजार की सड़‌कों के गड्डों को भरवाया नहीं गया तो अन्यथा की स्थिति में व्यापार संघ को आन्दोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा। अब ऐप के जरिए गड्ढा मुक्त होंगी उत्तराखंड की सड़कें, सतपाल महाराज ने की घोषणा उत्तराखंड की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए जल्द ही एक ऐप लॉन्च किया जाने वाला है. इस ऐप के जरिये कोई भी सड़कों पर पाए जाने वाले गड्ढों की फोटो खींचकर पूरी जानकारी के साथ भेजकर शिकायत दर्ज करा सकता है. जिस पर विभाग त्वरित कार्रवाई करेगा. विभाग भी ऐप के जरिये ही इस पर की गई कार्रवाई की जानकारी देगा। लेकिन अगस्त्यमुनि के लिए यह ऐप फिसड्डी साबित हुआ है।