दस्तक पहाड न्यूज  / चमोली: नमामि गंगे प्रोजेक्ट में बुधवार करीब सुबह साढ़े 11 बजे घटे हादसे पर अब परत दर परत वजहें सामने आ रही है। सबसे बड़ी लापरवाही एसटीपी की जिम्मेदारी देख रही कंपनी के अधिकारी और इंजीनियरों की मानी जा रही है। बड़ा सवाल ये है कि नमामि गंगे परियोजना स्थल पर दो दिन में दो बार करंट कैसे और क्यों आया ?

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एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मंगलवार को भी एसटीपी में एक कर्मचारी गणेश लाल की करंट लगने से मौत हो गई थी। अगर परियोजना के इंजीनियर और अधिकारी तभी सतर्क हो गए होते तो शायद आज इतनी बड़ी घटना नहीं होती, इतने लोगों को एक साथ जान नहीं गंवानी पड़ती। वही चमोली के एसपी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि मंगलवार को सीवर प्‍लांट की रेलिंग में करंट लगने से एक कर्मचारी की मौत हुई थी, बुधवार को उसी के शव पर पंचनामे की कार्यवाई हो रही थी। जिस समय हादसा हुआ, उस समय पंचनामे के लिए सभी जुटे हुए थे। इसी बीच रेलिंग में करंट दौड़ने से हादसा हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, रात में यहां रहने वाले केयरटेकर का सुबह फोन नहीं लग रहा था। जिसके बाद परिजनों ने आकर साइट पर उसकी खोजबीन की तो पता चला कि केयरटेकर की करंट लगने से मौत हो गई है। यह खबर फैलते ही परिजनों के साथ कई ग्रामीण भी साइट पर पहुंच गए। तब तक वहां पुलिस आ गई थी। इसी दौरान वहां पर दोबारा करंट फैल गया। जिसकी वजह से कई लोग इसकी चपेट में आ गए। पावर कॉरपोरेशन ने जारी की प्रैस विज्ञप्ति इस दर्दनाक हादसे के बाद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (उपाकालि) ने माना कि हादसा फीडर के जम्पर को लगाने के लिए लिया गया शटडाउन वापस लेने के बाद हुआ। हालांकि, पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामले की गहन जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। उसके द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, शटडाउन वापस लेने के पश्चात पता चला कि एसटीपी में करंट फैलने से दुर्घटना हो गयी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में तैनात अधीशासी अभियंता ने बताया कि मंगलवार को एसटीपी में हुई दुर्घटना के बारे में उपाकालि को जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि मृतक के पंचनामा और पोस्टमार्टम के लिए पुलिस तथा अन्य कई लोग सुबह एसटीपी परिसर में एकत्रित हुए थे और उनके ऑपरेटर द्वारा मेनस्विच चालू करने के उपरांत टीनशेड के आसपास करंट फैल गया और वहांमौजूद लोगों के साथ हादसा हुआ।उन्होंने जोर देकर कहा कि उक्त स्थान पर स्थापित ट्रांसफार्मर एवं एसटीपी के परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में प्रथमद्रष्टया कोई कमी नहीं है और संभवत: मीटर से आगे परिसर में ही कोई आंतरिक दोष था।विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रसाद तथा मुख्य अभियंता, वितरण, गढ़वाल क्षेत्र घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं तथा प्रारंभिक मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये की राशि उपाकालि मुख्यालय से तत्काल जारी कर दी गयी है। इस संबंध में पूछे जाने पर उपाकालि के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि हम अपनी ओर से पूरी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में दे चुके हैं। एसटीपी का रखरखाव करने वाली कंपनी पर दर्ज होगा मुकदमा चमोली में करंट लगने से 16 लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने एसटीपी का रखरखाव कर रही कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक चमोली को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द कंपनी पर एफआईआर दर्ज करें। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर मुख्य महाप्रबंधक, उत्तराखंड जल संस्थान ने अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक ने प्रभारी अवर अभियन्ता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर, कुन्दन सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इस सम्बन्ध में गुरुवार को जारी आदेश में मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया है कि प्रथम दृष्ट्या अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल द्वारा विभागीय कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया गया है। हरदेव के पास एसटीपी का संचालन एवं रखरखाव करने वाली फर्म के कार्यों के समुचित अनुश्रवण का दायित्व था। वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक तहसील चमोली द्वारा सुपरवाइजर ज्वाइन्ट वेन्चर कम्पनी एवं अन्य संबंधित के विरूद्ध नमामि गंगे के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरते जाने के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश  मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने चमोली की घटना के मद्देनजर सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को समस्त परियोजनाओं, आस्थानों एवं शासकीय कार्यालयों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था के मानकों का अविलम्ब परीक्षण कराए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने निर्देश देते हुए कहा कि विभागाध्यक्ष अपने नियंत्रणाधीन समस्त परियोजनाओं, आस्थाओं एवं शासकीय कार्यालय परिसरों आदि में विद्युत सुरक्षा सम्बन्धी किए गए उपायों का परीक्षण कराए । साथ ही प्रभारी अधिकारी से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने का प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया जाए।उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा मानकों के परीक्षण की कार्रवाई विभाग के मानकों के अनुसार अथवा प्रत्येक 3 माह में किया जाना सुनिश्चित किया जाए।