दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड़ न्यूज  - केदारघाटी में बीते कुछ महीनों में दहेज को लेकर हत्या के दो संदिग्ध मामले सामने आए है। हालांकि इन सभी मामलों में पहले आत्महत्या होना पाया गया लेकिन मायके पक्ष की तहरीर के बाद पुलिस ने आत्महत्या के कारण तलाशने शुरू कर दिए है।

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  थाना गुप्तकाशी के अंतर्गत बीती 18 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में 21 वर्षीय विवाहिता दीक्षा अपने घर में सुबह 11.30 पर फांसी पर लटकी मिली। मायके पक्ष का आरोप है ससुरालियों ने इस घटना की सूचना न तो उन्हें दी और न ही पुलिस को बताई। बाद में उनके किसी रिश्तेदार द्वारा अस्पष्ट जानकारी मिलने पर मायके पक्ष के लोग शाम को 6 बजे तुंलगा पहुँचे तो बेटी का शव फांसी पर लटकता पाया, उसके हाथ पर ब्लेड से काटे के निशान भी थे। जिस अवस्था में वह लटकी थी उससे उसकी हत्या का आशंका साफ जाहिर हो रही थी। बेटी की ऐसी हालत देख पिता दरबान सिंह ने तत्काल गुप्तकाशी थाना पुलिस को इसकी सूचना दी, किन्तु उस दिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंच पाई। अगले दिन 19 जुलाई को सुबह गुप्तकाशी से पहुंची पुलिस टीम ने शव को उतारकर पंचनामा भरकर पीएम की कार्यवाई की। मृतका के पिता दरबान सिंह ने दहेज के लिए बेटी की निर्मम हत्या का आरोप उसके पति अखिलेश, ससुर सुरेंद्र सिंह और सास पर लगाया है। मायके पक्ष के आरोप पर 21 जुलाई को थाना गुप्तकाशी में एफआईआर दर्ज करवाने के बाद मुकदमे की कार्यवाई शुर कर दी गई है। मृतका के भाई सत्य सिंह द्वारा दर्ज एफआईआर में दीक्षा की शादी 26/10/22 को अखिलेश पुत्र सुरेन्द्र सिंह ग्राम तुलगा थाना क्षेत्र गुप्तकाशी के साथ होना बताया गया। शादी के कुछ दिन बाद ही उसके ससुराल पक्ष वाले उसे दहेज को लेकर शारिरीक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। उसका पति किसी दूसरी लड़की के साथ फोन पर बात करता था जिसके बारे में दीक्षा ने अपने परिजनो को भी बताया था। इस कारण उसका पति उसको शारिरीक और मानसिक रूप से मृत्यु के लिए उकसाता रहा कि उसका रास्ता साफ हो जाए और वो दूसरी शादी कर ले और जहाँ से कि उसको खूब सारा दहेज मिल सकें। दीक्षा की सास भी घर के काम में कमियाँ निकालती और उसको भूखा रखने के लिए मजबूर कर देती थी। सास के कहने पर ही उसका ससुर भी और पति भी और ज्यादा अत्याचार करने लगे। जब वो मायके जाने के लिए कहती तो वो मना कर देते। और विवाह के मात्र आठ माह 18 जुलाई को उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई।