दस्तक पहाड न्यूज  / गोपेश्वर: सनातन आस्था के बड़े प्रतीक बदरीनाथ धाम को बौद्ध धर्मस्थल बताने संबंधी समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से संतों में आक्रोश है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक इंटरव्यू में कहा कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ मंदिर भी बौद्ध मठ हुआ करता था। आदि शंकराचार्य ने मठ को मंदिर में तब्दील कर दिया। इंटरव्यू में उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए।

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उनके इस वक्तव्य पर बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी पं. राधाकृष्ण थपलियाल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अनादिकाल से बदरीनाथ धाम हिंदू आस्था को केंद्र रहा है।वहीं, धर्मनगरी हरिद्वार के संतों का कहना है कि राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुके मौर्य स्वयं को चर्चा में लाने के लिए इस तरह का सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं। यह उनके दिमागी दिवालियापन की निशानी है। धर्माधिकारी के अनुसार ‘स्कंद पुराण’ में उल्लेख है कि बदरीनाथ धाम में भगवान विष्णु पुरातन से विद्यमान हैं। इसलिए यह स्थान बदरिकाश्रम नाम से विख्यात है। भक्त यहां समस्त वासनाओं का त्याग कर भगवान नारायण के दर्शन को आते हैं और उनकी हर अभिलाषा पूर्ण भी होती है।पं. थपलियाल ने कहा कि भगवान अनेक अवतार लेते हैं और अवतार का उद्देश्य फलीभूत होने के बाद वह अपने धाम को चले जाते हैं। लेकिन, बदरिकाश्रम क्षेत्र में भगवान सदा से और सर्वत्र विद्यमान हैं। कहा कि ‘स्कंद पुराण’ में बदरिकाश्रम क्षेत्र को मुक्तिप्रदा कहा गया है। सतयुग में यही इस क्षेत्र का नाम था। त्रेता युग में भगवान नारायण के इस क्षेत्र को योग सिद्ध कहा गया। द्वापर युग में भगवान के प्रत्यक्ष दर्शन के कारण इसे मणिभद्र आश्रम या विशाला तीर्थ कहा गया। जबकि कलयुग में इसे बदरिकाश्रम अथवा बदरीनाथ कहा जाता है।धर्माधिकारी ने कहा कि शास्त्रों का ज्ञान न रखने वाले कुछ व्यक्ति बिना प्रमाण के ही अनर्गल बयानबाजी कर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं, घोर आपत्तिजनक भी है। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस न कर सकें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सीएम ने गुरुवार की देर रात ट्वीट कर कहा कि “महाठगबंधन” के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।   सीएम ने कहा कि यह विचार इन दलों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।