मुख्यमंत्री के दौरे से पहले गौरीकुंड में उजाड़ी गई दर्जनभर दुकानें, पूर्व विधायक मनोज रावत ने उठाए सवाल
1 min read05/08/2023 3:50 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज / गौरीकुंड
केदारनाथ क्षेत्र के पूर्व विधायक मनोज रावत, कांग्रेस के केदारनाथ विधानसभा के युवा अध्यक्ष करमवीर सिंह कुंवर , टैक्सी यूनियन अध्यक्ष प्रकाश पंवार , एनएसयूआई के तनुज पुरोहित, विनोद साथ गौरीकुंड भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने पहुँचे। पूर्व विधायक मनोज रावत ने स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर दुख दर्द साझा किया।
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उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है कि यहाँ से एक शातिर मौन बरबादी गुजरी है जिसकी चपेट में आने वालों की संख्या , जितने मुंह हैं उतनी है। कोई 19 बताता है कोई 22 तो कुछ लोगों का मानना है कि 25 से ऊपर हैं। जिन 3 अस्थाई दुकानों और एक स्टोर का नामोनिशान अचानक हुए #भूस्खलन से मिट गया उनके भीतर उस रात 11.18 मिनट कितने लोग थे कोई नही बता पा रहा है। जो 3 शव मिले हैं वे #नेपाली मूल के प्रतीत होते हैं पर वे प्रशासन की पहली वाली गिनती में नहीं थे। वे सूची से हटकर हैं । कुछ स्थानीय लोग भी गायब हैं और यात्री भी उस रात चल रहे थे। नेपालियों की संख्या भी अभी कोई नही बता पा रहा है क्योंकि आजकल कुछ नए नेपाली मजदूर भी आ रहे थे। कुल मिलाकर बड़ी तबाही और नुकसान हुआ है जिसका सही आंकलन किसी के पास नहीं है । स्थानीय की बात करें तो अभी तक #रुद्रप्रयाग जिले के 4 निवासियों के लापता होने की पुख्ता सूचना है यह संख्या भी बड़ सकती है।
इस बरबादी के ऊपर प्रशासन ने मुख्यमंत्री के दौरे से पहले कुछ दर्जन अस्थाई_दुकानों को उजाड़ दिया है। इनमें से अधिकांश के मालिक आजकल यात्रा कम होने के कारण अपनी दुकानें नौकरों के भरोसे छोड़ कर अपने घरों गए थे। उनका लाखों का सामान बरबाद हो गया है । उनके आंसू थम नहीं रहे हैं।
माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपकी इंतजारी थी पर पर आप नहीं आ पाए। आप आते तो अपने अनुभव से आपसे कुछ निवेदन करते। सुना है कि कोई नौकरशाह आ रहे हैं । इन स्टील के फ्रेम वाले फौलादी दिल के नौकरशाहों से क्या कहें ? आपदा के दर्द को नियम-कानून और शासनादेशों काम करने वालों को नही समझाया जा सकता है । इसलिए आपसे निवेदन है –
1- समस्त संभावित गायब लोगों की सूची बनाई जाए। स्थानीय के अलावा नेपाली और यात्रियों के बारे में भी व्यापक प्रचार -प्रसार किया जाय।
2- कानूनी प्रक्रिया से गायब लोगों को #न्यायिक रूप से मृत घोषित करने में 7 साल लगेंगे , इसलिए #2013 कि #आपदा की तरह गायब लोगों को #मृत_घोषित करने की प्रक्रिया को पुनर्जीवित किया जाय।
3- गायब लोगों को फौरी सहायता और मुआवजा कैसे दिया जाय इसका रास्ता तलाश किया जाय ।
इस अपील के साथ पूर्व विधायक मनोज रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सलाह लेने की बात भी कही है। क्योकिं उन्होंने इससे बड़ी तीव्रता और नुकसान वाली 2013 की आपदा के बाद केदारघाटी को फिर से #बसाया-सांवरा और यात्रा के लायक बनाया था।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

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