अब बरेली नहीं, नेपाल से आता है उत्तराखंड में ड्रग्स, सब्जी की गाड़ियों मे हो रही नशे की तस्करी
1 min read
09/08/20239:26 pm
गुणानंद जखमोला / देहरादून
अब नशे के लिए बरेली की बदनाम औरत का पिंड छूट गया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से नशे के सौदागर विशाखापट्टनम के रास्ते उत्तराखंड तक नशा पहुंचा रहे हैं। वहीं, नेपाल से भी बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी हो रही है। पुलिस ने उत्तरकाशी और कर्णप्रयाग में नशे की खेप सब्जी के वाहनों में पकड़ी है। इसके अलावा कुछ मेडिकल स्टोर भी ड्रग्स के केंद्र बन गये हैं। सूत्रों के मुताबिक नशे के सौदागर स्टूडेंटस को पैडलर बना रहे हैं और नशा मैक्स कैब के माध्यम से भी सुदूर गांवों तक पहुंच रहा है।
उतराखंड पुलिस ने 5079 मामले जनवरी 2020 से मई 2023 तक ड्रग्स तस्करी के दर्ज किए हैं, इनमें से 33 मामलों में गैंगस्टर लगाते हुए 89 लोगों को निरुद्ध किया गया है। जिन लोगों पर गैंगस्टर लगाई गई। उनकी 2.68 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है। उत्तराखंड डोडा अफीम, चरस, गांजा के साथ ही नशे के कैप्सूल और इंजेक्शन भी बिक रहे हैं। देहरादून पुलिस ने विगत वर्ष लगभग साढ़े चार करोड़ का ड्रग्स पकड़ा। पुलिस सूत्रों के अनुसार डोईवाला क्षेत्र में सर्वाधिक ड्रग्स की खपत होती है।
आईजी गढ़वाल के.एस. नगन्याल के मुताबिक यह कार्य बहुत ही दुष्कर है कि सब्जी के वाहन में ड्रग्स तलाशा जाए। उन्होंने बताया कि अब बरेली से कहीं अधिक नेपाल के रास्ते ड्रग आ रहा है। सच भी लगता है। कुछ माह पहले जब मैं पिथौरागढ़ गया था तो शहर के बीचोंबीच स्थित भारकोट में पुलिस ने एक बड़ा बोर्ड लगाया था कि यहां स्मैक, चरस आदि नशा करना मना है।
यह अहम बात है कि धामी सरकार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है। दावा कर रही है कि 2025 तक राज्य को ड्रग्स फ्री स्टेट बना देगी, लेकिन जब तक आम जनता नशे के खिलाफ लामबंद नहीं होगी तो यह लक्ष्य हासिल करना असंभव है। सामाजिक चेतना जरूरी है। सहभागिता जरूरी है। सबको मिलकर काम करना होगा।
देश और दुनिया सहित स्थानीय खबरों के लिए जुड़े रहे दस्तक पहाड़ से।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
अब बरेली नहीं, नेपाल से आता है उत्तराखंड में ड्रग्स, सब्जी की गाड़ियों मे हो रही नशे की तस्करी
दस्तक पहाड़ की से ब्रेकिंग न्यूज़:
भारत में सशक्त मीडिया सेंटर व निष्पक्ष पत्रकारिता को समाज में स्थापित करना हमारे वेब मीडिया न्यूज़ चैनल का विशेष लक्ष्य है। खबरों के क्षेत्र में नई क्रांति लाने के साथ-साथ असहायों व जरूरतमंदों का भी सभी स्तरों पर मदद करना, उनको सामाजिक सुरक्षा देना भी हमारे उद्देश्यों की प्रमुख प्राथमिकताओं में मुख्य रूप से शामिल है। ताकि सर्व जन हिताय और सर्व जन सुखाय की संकल्पना को साकार किया जा सके।
गुणानंद जखमोला / देहरादून
अब नशे के लिए बरेली की बदनाम औरत का पिंड छूट गया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से नशे के सौदागर विशाखापट्टनम के रास्ते उत्तराखंड तक नशा पहुंचा रहे हैं।
वहीं, नेपाल से भी बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी हो रही है। पुलिस ने उत्तरकाशी और कर्णप्रयाग में नशे की खेप सब्जी के वाहनों में पकड़ी है। इसके अलावा कुछ
मेडिकल स्टोर भी ड्रग्स के केंद्र बन गये हैं। सूत्रों के मुताबिक नशे के सौदागर स्टूडेंटस को पैडलर बना रहे हैं और नशा मैक्स कैब के माध्यम से भी सुदूर
गांवों तक पहुंच रहा है।
उतराखंड पुलिस ने 5079 मामले जनवरी 2020 से मई 2023 तक ड्रग्स तस्करी के दर्ज किए हैं, इनमें से 33 मामलों में गैंगस्टर लगाते हुए 89 लोगों को निरुद्ध किया गया है। जिन
लोगों पर गैंगस्टर लगाई गई। उनकी 2.68 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है। उत्तराखंड डोडा अफीम, चरस, गांजा के साथ ही नशे के कैप्सूल और इंजेक्शन भी बिक रहे
हैं। देहरादून पुलिस ने विगत वर्ष लगभग साढ़े चार करोड़ का ड्रग्स पकड़ा। पुलिस सूत्रों के अनुसार डोईवाला क्षेत्र में सर्वाधिक ड्रग्स की खपत होती है।
आईजी गढ़वाल के.एस. नगन्याल के मुताबिक यह कार्य बहुत ही दुष्कर है कि सब्जी के वाहन में ड्रग्स तलाशा जाए। उन्होंने बताया कि अब बरेली से कहीं अधिक नेपाल के
रास्ते ड्रग आ रहा है। सच भी लगता है। कुछ माह पहले जब मैं पिथौरागढ़ गया था तो शहर के बीचोंबीच स्थित भारकोट में पुलिस ने एक बड़ा बोर्ड लगाया था कि यहां स्मैक,
चरस आदि नशा करना मना है।
यह अहम बात है कि धामी सरकार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है। दावा कर रही है कि 2025 तक राज्य को ड्रग्स फ्री स्टेट बना देगी, लेकिन जब तक आम जनता नशे के खिलाफ
लामबंद नहीं होगी तो यह लक्ष्य हासिल करना असंभव है। सामाजिक चेतना जरूरी है। सहभागिता जरूरी है। सबको मिलकर काम करना होगा।