विनोद नौटियाल  / ऊखीमठ।  दस्तक पहाड न्यूज। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के जंगलों में तीर्थयात्री भटक रहे हैं। यहां बणतोली में पुल ध्वस्त होने से 250 से ज्यादा तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। अभी तक 32 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। श्रद्धालुओं का आरोप है कि उनके लिए खाने और पीने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।

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जिस कारण उनके सामने काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं। जबकि, स्थानीय दुकानदारों के पास भी राशन खत्म हो रहा है। बता दें कि एक ओर जहां पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा हैं तो वहीं मद्महेश्वर या मदमहेश्वर धाम के जंगलों में श्रद्धालु भटकने को मजबूर हैं। यात्रा पड़ाव के बणतोली में तीन दिन पहले भारी बारिश से पुल ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद से ही यहां फंसे करीब 250 श्रद्धालु प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इन तीर्थयात्रियों में एक महिला तीर्थयात्री प्रेग्नेंट भी है। मौसम खराब होने से हेली से रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है। ऐसे में श्रद्धालु जंगलों में भटकने को मजबूर हैं। मद्महेश्वर घाटी की सीमांत ग्राम पंचायत गौंडार गांव के बणतोली में बना पुल मूसलाधार बारिश और पानी के उफान में आने से नदी में समा गया था। पुल के नदी में समाने के कारण मद्महेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों का संपर्क गौंडार गांव से कट गया है। यात्रा पड़ावों पर सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मधु गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीण खौफजदा हैं। लगातार जलस्तर बढ़ने से मधु गंगा नदी में जुगासू पर बना पुल भी खतरे की जद में आ गया है। मद्महेश्वर यात्रा के बणतोली पड़ाव में लगातार नदी का कटाव होने से खतरे की जद में आ गया है। श्रद्धालु आशीष नेगी, प्रमोद बिष्ट ने कहा कि पुल के ध्वस्त हो जाने से वे 3 दिनों से मद्महेश्वर धाम में फंसे हुए हैं। यहां राशन भी खत्म हो रहा है। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है। वहीं, उखीमठ एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने कहा कि मौसम खराब होने के चलते हेली से रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा है। तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वो जंगलों में भटकने के बजाय मद्महेश्वर मंदिर के पास ही रहे। यहां मंदिर समिति की ओर से खाने की उचित व्यवस्था की जा रही है। एसडीएम जितेंद्र वर्मा का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद हेली से रेस्क्यू किया जाएगा। फिलहाल, रस्सी के सहारे भी तीर्थ यात्रियों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। मौके पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत स्थानीय पुलिस की टीम मौजूद है।