कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल सांस्कृतिक मेले में हिमवन्त साहित्य सम्मान से सम्मानित हुए कवि नरेन्द्र कठैत
1 min read19/08/2023 5:56 pm
हरीश गुसाई / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज। हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की 104 वीं जयन्ती पर उनके कर्मक्षेत्र अउ राइका अगस्त्यमुनि में आयोजित चन्द्रकुवंर बर्त्वाल स्मृति साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मेले में उन्हें याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये। गढ़वाली साहित्यकार एवं व्यंग्यकार नरेन्द्र कठैत को हिमवन्त साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। मेले में बतौर मुख्य अतिथि पीजी कालेज अगस्त्यमुनि के प्राचार्य डॉ. सीताराम नैथाणी ने कहा कि हिन्दी साहित्य में कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की रचनाओं का अथाह भण्डार मौजूद है। अल्पायु में ही उन्होंने हिन्दी साहित्य की जो सेवा की, वह युग युगान्तर तक याद किया जायेगा। अतिविशिष्ट अतिथि केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत की गैरमौजूदगी में उनके प्रतिनिधि चिए के प्रधानाचार्य हरिपाल कण्डारी ने कहा कि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल ने अपनी कविताओं में मन्दाकिनी घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य और हिमालय का जो विषद् वर्णन किया है, वह उन्हें हिन्दी साहित्य जगत में विशिष्ट श्रेणी का कवि बनाता है। उन्होंने आयोजक संस्थान की मांग एवं विधायकजी की संस्तुति पर आयोजन हेतु पचास हजार रू0 देने की घोषणा की। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार एवं कवि पृथ्वी सिंह केदारखण्डी, डॉ. बीएल जालन्धरी और केबी मुण्डेपी ने कवि की कविताओं को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करने की पुरजोर वकालत करते हुए गढ़वाली एवं कुमांउनी की एक प्रतिनिधि भाषा बनाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की सभी रचनाओं को पुस्तकाकार रूप देकर इसकी व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। इस अवसर पर हिमवन्त साहित्य सम्मान से सम्मानित होने वाले गढ़वाली साहित्यकार एवं व्यंगकार नरेन्द्र कठैत, जिन्हांेने कवि की रचनाओं का गढ़वाली में अनुवाद किया है, ने कहा कि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल के अन्तिम समय के आवास पंवालिया को संरक्षित कर उनकी कविताओं का संग्रहालय बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने गढ़वाली एवं कुमांउनी भाषा की पहचान को अक्षुण्ण बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नपं की अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल ने कवि की कविताओं में जीवन सौंन्दर्य, जीने की चाह, करूणा और प्राकृतिक सौन्दर्य बोध का समिश्रण मिलता है। संस्थान के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने अब तक संस्थान द्वारा किए गये कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि संस्थान कवि की ज्ञात और दुर्लभ रचनाओं का पता कर उनको प्रकाशित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। संस्थान के संरक्षक एवं अउराइका अगस्त्यमुनि के प्रधानाचार्य हरेन्द्र बिष्ट ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कुसुम भट्ट ने किया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा कवि की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही इस अवसर पर बाबा केदारनाथ दास सेवा मण्डल के अध्यक्ष चन्द्र सिंह नेगी के सहयोग से विद्यालय प्रांगण में अगस्त्य और पारिजात के पौधों का रोपण भी किया गया। मेले में विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृितक कार्यक्रम, कवि की रचनाआंे का सस्वर कविता पाठ एवं कविता पोस्टर का भी आयोजन किया गया। कविता पाठ के सीनियर वर्ग में राइका पठालीधार के छात्र योगेश प्रथम, राबाइका की छात्रा प्रिया भट्ट द्वितीय, राइका अगस्त्यमुनि की छात्रा प्रिया मलासी तृतीय, अनुज चतुर्थ तथा राइका पठालीधार की छात्रा पारूल पंचम स्थान पर रही। जूनियर वर्ग में चिए के छात्र ओम आर्यन प्रथम, राइका कण्डारा की छात्रा दिया द्वितीय, राइका अगस्त्यमुनि की छात्रा भूमिका तृतीय, राउमावि गिंवाला की छात्रा ज्योति चतुर्थ एवं दिव्या पंचम स्थान पर रही। पोस्टर प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में चिए की आस्था प्रथम, राइका पठालीधार के तनीष बुटोला द्वितीय चिए की सोनिका तृतीय, राइका पठालीधार की संध्या चतुर्थ तथा राबाइका की नन्दिता पंचम स्थान पर रही। जूनियर वर्ग में चिए की प्रिन्स नेगी प्रथम, गुरूकुल नेशनल स्कूल के शिखर चौधरी द्वितीय, अक्षित नेगी तृतीय, तक्षशिला जूनियर स्कूल चाका की प्रियंका चतुर्थ और राउप्रावि गिंवाला के नितिन पंचम स्थान पर रहे। विजेताओं को अतिथियों द्वारा मेडल, एवं पुरूस्कार वितरित किए गये। इस अवसर पर राशिसं के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट, प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी, नाकोट सरपंच हर्षवर्धन बेंजवाल, राबाइका की प्रधानाचार्या रागनी नेगी, क्षेपंस सावन नेगी, सांसद प्रतिनिधि श्रीनन्द जमलोकी, मााधव नेगी, हेमन्त चौकियाल, सुधीर बर्त्वाल, रजनी रावत, सुलोचना मिंगवाल, दमयन्ती भट्ट, विनीता रौतला, अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन की कल्पना बिष्ट सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एवं छात्र छात्रायें मौजूद रही।
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