दस्तक पहाड न्यूज। केदारनाथ में एवलांच का एक वीडियो सामने आया है। केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब सात से आठ बजे के करीब ग्लेशियर टूटने की घटना घटी थी। ये एवलांच मंदिर से करीब 4 किमी पीछे था। रिपोर्ट के मुताबिक, एवलांच जिस इलाके में हुआ, वहां पहले भी ऐवलांच हो चुके है। श्रद्धालुओं ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद किया। वीडियाे में बर्फ की आंधी देखने को मिली। गनीमत ये रही कि एवलांच काफी दूर होने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मनीष मेहता ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में एवलांच सामान्य घटना है।
जानें- बार-बार क्यों हो रही ये घटना ?
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियों पर एक बार फिर एवलांच आने से श्रद्धालुओं की सांसे अटक गईं। गनीमत रही कि किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। एवलांच केदारनाथ धाम से लगभग तीन-चार किलोमीटर दूर था। पिछले यात्रा सीजन में बर्फीली पहाड़ियों पर तीन बार हिमस्खलन हुआ था। इस बार भी अप्रैल माह में एवलांच की घटना सामने आई थी। केदारनाथ धाम में यात्रा की शुरुआत से मौसम खराब रहा है। धाम में लगातार बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है। मई से जुलाई महीने में पैदल यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन से यात्रा भी प्रभावित रही। इसी साल अप्रैल, जून के बाद अब एक बार फिर सितंबर में एवलांच आया है।
एक साल में छठवी बार हुआ हिमस्खलन
केदारनाथ में चोराबाड़ी ग्लेशियर जोन में हिमस्खलन हुआ है। बीते एक साल में हिमस्खलन (एवलांच) की यह छठवीं घटना है। बीते वर्ष सितंबर-अक्तूबर में भी इसी क्षेत्र में एवलांच आया था।
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केदारनाथ में मंदिर के पीछे टूटा ग्लेशियर, इलाके में छाई बर्फ की आंधी, देखें एवलांच का Video
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दीपक बेंजवाल / केदारनाथ
दस्तक पहाड न्यूज। केदारनाथ में एवलांच का एक वीडियो सामने आया है। केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब सात से आठ बजे के करीब ग्लेशियर टूटने की घटना घटी थी। ये
एवलांच मंदिर से करीब 4 किमी पीछे था। रिपोर्ट के मुताबिक, एवलांच जिस इलाके में हुआ, वहां पहले भी ऐवलांच हो चुके है। श्रद्धालुओं ने इस घटना को अपने कैमरे में
कैद किया। वीडियाे में बर्फ की आंधी देखने को मिली। गनीमत ये रही कि एवलांच काफी दूर होने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मनीष मेहता ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में एवलांच सामान्य घटना है।
जानें- बार-बार क्यों हो रही ये घटना ?
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियों पर एक बार फिर एवलांच आने से श्रद्धालुओं की सांसे अटक गईं। गनीमत रही कि किसी प्रकार का कोई
नुकसान नहीं हुआ। एवलांच केदारनाथ धाम से लगभग तीन-चार किलोमीटर दूर था। पिछले यात्रा सीजन में बर्फीली पहाड़ियों पर तीन बार हिमस्खलन हुआ था। इस बार भी
अप्रैल माह में एवलांच की घटना सामने आई थी। केदारनाथ धाम में यात्रा की शुरुआत से मौसम खराब रहा है। धाम में लगातार बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश
जारी है। मई से जुलाई महीने में पैदल यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन से यात्रा भी प्रभावित रही। इसी साल अप्रैल, जून के बाद अब एक बार फिर सितंबर में एवलांच
आया है।
एक साल में छठवी बार हुआ हिमस्खलन
केदारनाथ में चोराबाड़ी ग्लेशियर जोन में हिमस्खलन हुआ है। बीते एक साल में हिमस्खलन (एवलांच) की यह छठवीं घटना है। बीते वर्ष सितंबर-अक्तूबर में भी इसी
क्षेत्र में एवलांच आया था।