एक जनरेटर नहीं दिया तो क्या हुआ, मांग लेते, गलती तुम्हारी है असली गुनाहगार तो जनता है जिसने चिन्दी चोरों को अपना सिरमौर बना लिया। 

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 गुणानंद जखमोला / देहरादून  एक बेचारे हरक सिंह रावत के पीछे दुनिया पड़ गयी। अपनों की पहचान संकट के समय में होती है। ऐसे संकट के समय सोनिया आनंद रावत हैं जो बचाव में आई, वरना सब चुप हैं। जनरेटर होता किसलिए है, पावर देने के लिए। हरक ने उसी के लिए तो जनरेटर मांगे। हरक वैसे भी खुद पावर हाउस है। इतिहास उठा कर देख लो। सब जानते हैं कि हरक यारों का यार है। ‘न खाता न बही, हरक ने कह दिया तो वही सही‘। आज के जमाने में ससुर सोचते हैं बहू को कैसे काबू में रखा जाएं? लेकिन हरक तो बहू के लिए सरकार से फरक गये। है कोई ऐसा त्यागी ससुर? एक जनरेटर के लिए वो विजिलेंस जो आज तक किसी भी नेता के खिलाफ एक भी केस जीतने की बात छोड़ो, एक भी घोटाले के तार नहीं खोल सकी है, छापेमारी कर रही है तो यह क्या अत्याचार कर रही है। किसी के इशारे पर काम कर रही है। हरक ठीक कह रहे हैं कि यदि मैं भ्रष्ट हूं तो त्रिवेंद्र सरकार भ्रष्ट है। चार साल तक मंत्री रहा तो ईमानदार था, भाजपा छोड़ते ही बेईमान हो गया। फिर त्रिवेंद्र चचा को क्यों छोड़ रहे हो? गणेश जोशी को क्यों छोड़ रहे हो। हरक का आरोप है कि गणेश जोशी आक्सीजन के कई सिलेंडर खा गया। जांच करो। 67 लाख कालेज के अपने फंड से कोरोना पीड़ितों के लिए गुजरात से आक्सीजन सिलेंडर मंगवाए। कईयों की जान बचा ली। भई, हरक सही तो बोल रहे हैं, यदि राज्य संपत्ति वाले कोठी वापस मांग सकते हैं। वन विभाग वाले अपनी जीप मांग सकते हैं। प्रदूषण वाले अपनी कार मांग सकते हैं तो यह गलती तो जनरेटर देने वालों की है कि उन्होंने क्यों नहीं जनरेटर वापस मांगा। मांग लेते तो हरक का दिल तो बहुत बड़ा है, एक जनरेटर के बदले दस दे देते। हरक एक पूर्व फौजी का बेटा है उसे दीन दुनिया की समझ नहीं है। ऐसे में जनरेटर वापस नहीं किया तो कोई चोरी-चकारी थोड़ी की। भला हो चुनाव आयोग का। यदि चुनाव लड़ने के लिए सरकारी एनओसी की जरूरत नहीं पड़ती तो मजाल क्या है कि मंत्री से लेकर संतरी तक न बिजली का बिल देते, न पानी का। कोठी का किराया तो बिल्कुल नहीं। पूरा उत्तराखंड जानता है कि हरक ने जमीन से उठकर पूरा आसमान खरीद लिया है। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर। हरक ठीक कह रहे हैं कि उनके खिलाफ विजिलेंस की छापेमारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। वो पूरी तरहज से निर्दोष हैं, बेकसूर हैं। गुनाहगार तो जनता है, जो धर्म की अफीम चूस कर चिन्दी चोरों को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा देती है। विजिलेंस की छापेमारी जनता के खिलाफ होनी चाहिए। जनता ही असली गुनाहगार है। सजा मिले तो जनता को। हरक बेकसूर है। उसे हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने दो, प्लीज। उस पर अत्याचार मत करो। इसलिए मेरा मानना है कि हरक बेगुनाह है, निर्दोष है, उस पर अत्याचार नहीं किया जाना चाहिए।