दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज।  विजयनगर पठालीधार मोटर मार्ग के नये वैकल्पिक मार्ग के संबंध में रूद्रप्रयाग जिले के आला अधिकारियों से मिलने पहुँचे जनप्रतिनिधी मंडल को तब असहज स्थिती का सामना करना पड़ा जब जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा वन पंचायत भूमि में लगभग 40 पेड़ कट रहे हैं जिसकी परमिशन में नहीं दे सकता हूँ।

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सोमवार को सड़क प्रभावित क्षेत्र के जिलापंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, अगस्त्यमुनि विकासखंड प्रधान संगठन के अध्यक्ष विजयपाल राणा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हरीश गुसांई, सभासद नगर पंचायत बनियाड़ी गंगानगर भूपेन्द्र राणा और सदस्य क्षेत्र पंचायत सिल्ला ब्राह्मण गांव डडोली सावन नेगी, रूद्रप्रयाग जिलाधिकारी से मिलने पहुँचे। लेकिन जनता की परेशानियों को दरकिनार करते हुए जिलाधिकारी ने प्रस्तावित वैकल्पिक मार्ग में आ रही वन पंचायत भूमि में लगभग 40 पेड़ काटने की परमिशन देने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा जब तक पेड़ काटने की परमिशन नहीं मिल जाती है तब तक हम कुछ नहीं कर सकते हैं। बाद में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा जलस्तर घटने पर पुरानी सड़क को दुरुस्त करने की बात कही। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि हम उसी पर वैकल्पिक मार्ग का कार्य 5 सितंबर से प्रारंभ कर देंगे। जल्द ही पेड़ काटने की परमिशन बाद हम वहां भी कार्य प्रारंभ करवा देंगे। जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी ने कहा जनता को हर रोज परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है, अक्टूबर माह में शादी-ब्याह का सीजन भी है, जिसके लिए शीघ्र हमारी यातायात सुविधा बहाल होनी चाहिए। उन्होंने आगामी 6 सितंबर को गंगानगर पुल में प्रस्तावितस महापंचायत में प्रभावित क्षेत्र के सभी प्रधान गण, क्षेत्र पंचायत सदस्य जिला पंचायत सदस्य एवं गांवों के सभी नागरिकों से आने की अपील की है। जिससे आगे की रूपरेखा तैयार की जा सके। मंदाकिनी नदी ने बहाई 80 गाँवों की लाइफलाइन, कैद हुई जिंदगी केदार घाटी में 18 अगस्त को अतिवृष्टि और बादल फटने के बाद उफान पर आई मंदाकिनी नदी ने जखोली और बसुकेदार तहसील के 80 से अधिक गाँवों की सड़क को गंगानगर और बांसवाड़ा में पूरी तरह से अवरूद्ध कर दिया था। इसमें अगस्त्यमुनि-तिमली और सिल्ला पठालीधार सड़क मार्ग का तो बड़ा हिस्सा गंगानगर के समीप मंदाकिनी में समा चुका है जिसके दुबारा बनने की संभावना क्षीण है। इधर गंगानगर के समीप तिमली सड़क का बड़ा हिस्सा भी टूट चुका है जिससे तिमली जाने वाली सड़क पर भी संकट आ गया है। सिल्ला बामण गाँव जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कण्डारी कहते है कि दो तहसीलों के तकरीबन 80 से अधिक गांवों के लिए, यह सड़क लाइफलाइन है, इसके बंद होने से क्षेत्र में खाद्यान्न, रसोई गैस की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौजूदा मार्ग के स्थान पर जनहित में लोनिवि को शीघ्र नया समरेखण कर समस्या का निदान करना होगा। सिल्ला बामण गाँव व के क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी कहते है मौजूदा सड़क का 50 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से बह चुका है जिसका ठीक होना बहुत असंभव है क्योंकि ऊपर से खतरनाक पहाड़ी और आवासीय बस्ती है और नीचे की तरफ से नदी का खतरनाक बहाव है। उक्त मोटर मार्ग जखोली और बसुकेदार तहसील के अनेक गाँवों का संपर्क मार्ग है और केदारनाथ यात्रा का विकल्प भी सिर्फ यही मार्ग है। वर्ष 2013 में भी यह पूर्ण रूप से बह चुका था फिर दोबारा इसी मार्ग का नव निर्माण किया गया था बरसात के समय हर साल इस मार्ग पर पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है जान जोखिम में डालकर ग्रामीण इस पर आवाजाही करते हैं। उक्त मार्ग को गंगानगर से एल एण्ड टी सड़क से जोड़कर नया विकल्प तैयार किया जा सकता है। खतरे में गंगानगर पुल, जवाहरनगर मौहल्ला 2013 की महा आपदा के बाद गंगानगर पुल और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को बचाने के लिए सुरक्षा दीवार दी गई थी, लेकिन यह सुरक्षा दीवार भी पूर्ण रूप से बह गई। नदी का पानी लगातार गंगानगर पुल की ऐप्रोच वाॅल और राजमार्ग के बचे हिस्से को काट रहा है। इससे मौजूदा गंगानगर पुल और जवाहरनगर मौहल्ले को भी खतरा है। बता दें जवाहरनगर में केदारघाटी का सबसे बड़ा उच्च शिक्षा का केन्द्र राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय भी स्थित है। गंगानगर मौहल्ले से लगे छोर पर महा आपदा के बाद एल एण्ड टी द्वारा मजबूत दीवार दे दी गई थी लेकिन दूसरा हिस्से पर कामचलाऊ दीवार ही लग पाई, इस बार फिर मंदाकिनी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, ऐसे में इस स्थान पर मजबूत दीवार की आवश्यकता है जिससे स्थानीय जानमाल के साथ केदारनाथ यात्रा को भी सुचारू रखा जा सकेगा।