विनोद नौटियाल  / ऊखीमठ विनोद नौटियाल  / ऊखीमठ

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दस्तक पहाड न्यूज ।। वन अधिनियम 2006 लागू करने और ग्राम वन विकास समितियों के गठन करने की मांग के साथ ही अतिक्रमण का विरोध कर रहे तुंगनाथ घाटी के पर्यटक स्थलों में कारोबार करने वाले व्यापारियों एवं हक-हकूकधारियों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ पहुंचकर मौन जुलूस के साथ प्रर्दशन किया। जूलूस के बाद प्रर्दशनकारी तहसील प्रांगण में धरने पर बैठ गए और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। मंगलवार को आन्दोलन के तीसरे दिन चोपता तुंगनाथ, बनियाकुण्ड, पंगेर, दुगलविट्टा तथा मक्कूबैण्ड के व्यापारी-हकहकूकधारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः दस बजे ऊखीमठ के भारत सेवाश्रम स्थित तिराहे पर एकत्रित हुए जहां से मौन जुलूस के रूप में प्रदर्शन करते हुए मुख्य बाजार होते हुए तहसील मुख्यालय स्थित उपजिलाधिकारी कार्यालय के प्रांगण में पहुंचे और वहीं धरने पर बैठ गए। आन्दोलन कर रहे व्यापारियों का समर्थन करने पहुंचे घनशाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय लोगों को परेशान कर उनका रोजगार छीनने की कोशिश की जा रही है। आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे व्यापार मंडल चोपता इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि अपने जल, जंगल और जमीन पर उनका पूर्ण अधिकार है। सरकार को क्षेत्र में रोजगार और पर्यटन नीति बनाने के जरूरत है अतिक्रमण के नाम पर हकहकूकधारियों को अनावश्यक रूप से डराया-धमकाया जा रहा है। प्रर्दशन के बाद आन्दोलनकारियों ने उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया। इस मौके पर प्रधान मक्कू विजयपाल सिंह नेगी,पाव-जगपुड़ा अरविंद रावत, प्रधान उषाड़ा कुंवर सिंह बज्वाल,क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर नेगी, सरपंच वन पंचायत मक्कू विजय सिंह चौहान,उषाड़ा देवेन्द्र बज्वाल, तुंगनाथ मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी, पूर्व सरपंच मदन सिंह राणा, सतीश मैठाणी,प्रदीप बज्वाल, विनोद नेगी, चन्द्रबल्लभ मैठाणी, दिनेश मैठाणी, विनोद नेगी, अरविंद मैठाणी, सुमन चौहान, मोहन मैठाणी,विक्रम भण्डारी,मदन सिंह चौहान, राजेंद्र भंडारी आदि मौजूद थे।