दीपक बेंजवाल  / चोपता दस्तक पहाड न्यूज।  तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण का बुलडोजर चलाने पहुँची वन विभाग, पुलिस, प्रशासन की टीम को आज प्रभावित महिलाओं के जबरदस्त विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा।

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बुधवार सुबह भारी फोर्स के साथ रूद्रप्रयाग वन विभाग, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम चोपता में बुलडोजर लेकर अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची। ग्रामीणों को जब इसकी भनक लगी तो घाटी की महिलाऐ बड़ी संख्या में इकठ्ठी होकर पहुँची। महिलाओं ने शासन प्रशासन, वन विभाग और पुलिस के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान व्यापारियों, महिलाओं ग्रामीणों व प्रशासन के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई जिससे गुस्साई महिलाओं ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध कर प्रदेश सरकार व केदारनाथ विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। व्यापारियों व ग्रामीणों का कहना था कि एक तरफ प्रदेश सरकार तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने का ढिंढोरा पीट रही है दूसरी तरफ युगों से यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। व्यापारियों व ग्रामीणों का कहना था कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा बार – बार रोजगार व पर्यटन नीति बनाने की मांग की जा रही है मगर प्रदेश सरकार मौन बनी हुई है। व्यापारियों का कहना था कि चारधाम यात्रा का संचालन युगों से हो रहा है तथा चारधाम यात्रा के संचालन में स्थानीय लोगों द्वारा युगों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है फिर भी स्थानीय हक हकूकधारियों की रोजीरोटी के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची जा रही है। बता दे हाईकोर्ट द्वारा विभूति से अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद राज्य के सभी हिस्सों में सख्ती दिखाते हुए कार्यवाही हुई। रुद्रप्रयाग जनपद की केदार और तुंगनाथ घाटी में बड़ी संख्या में सड़क किनारे बने अस्थाई ढाबों को तोड़ दिया गया था। इससे बेरोजगार युवाओं में धामी सरकार और प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों से तुंगनाथ घाटी के पर्यटक स्थलों में कारोबार करने वाले चोपता तुंगनाथ,बनियाकुण्ड,पंगेर,दुगलविट्टा, तथा मक्कूबैण्ड के व्यापारियों एवं हक-हकूकधारियों ने तहसील मुख्यालय ऊखीमठ पहुंचकर मौन जुलूस के साथ प्रर्दशन किया। जूलूस के बाद प्रर्दशनकारी तहसील प्रांगण में धरने पर बैठ कर और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा था। इस दौरान आन्दोलन कर रहे व्यापारियों का समर्थन करने पहुंचे घनशाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय लोगों को परेशान कर उनका रोजगार छीनने की कोशिश की जा रही है। आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे व्यापार मंडल चोपता इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि अपने जल, जंगल और जमीन पर उनका पूर्ण अधिकार है। सरकार को क्षेत्र में रोजगार और पर्यटन नीति बनाने के जरूरत है अतिक्रमण के नाम पर हकहकूकधारियों को अनावश्यक रूप से डराया-धमकाया जा रहा है। इधर हाईकोर्ट ने फिर सड़क किनारे बने व्यावसायिक अथवा घरेलू भवनों को ध्वस्त करने संबंधी जनहित याचिका में अतिक्रमणकारी का पक्ष सुनने के बाद अगला कदम उठाने के सरकार को निर्देश जारी किए हैं। हहाईकोर्ट ने कहा कि वो अतिक्रमणकारियों के निर्माण को बिना सुने ध्वस्त न करें। इस मामले के गरमाते ही कुछ पक्षों ने इंटरवेंशन एप्लिकेशन भी लगाई थी। लेकिन केदारघाटी में हाईकोर्ट की राहत के बाद कार्यवाही जारी रखी, अगस्त्यमुनि में एन एच द्वारा लोगो को नोटिस थमा दिए गये वही बुधवार को प्रशासन भारी दल बल के साथ चोपता पहुंचा। विरोध प्रदर्शन के बाद घटना स्थल पर पहुंचे उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने तीन दिन का समय देते हुए व्यापारियों को न्यायालय में अपना पक्ष रखने  अथवा शिष्टमंडल के साथ तहसील प्रशासन से वार्ता के लिए पहुंचने को कहा। इस मौके पर तहसील, पुलिस प्रशासन ,वन विभाग के अधिकारी, भारी संख्या में जवान व कर्मचारी, व्यापारी व ग्रामीण मौजूद रहे।