ऊखीमठ : बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व वेदपाठी व ऊखीमठ क्षेत्र के मूर्धन्य साहित्यकार, संगीतकार एवं ज्योतिषाचार्य के रूप में त्रिकालदर्शी नाम से विख्यात आचार्य स्व0 श्रीहर्ष जमलोकी की पुण्य स्मृति में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन नरसिंह अवतार भक्त प्रह्लाद प्रंसग का वर्णन किया।पंचगाईं ऊखीमठ समेत दूर दराज गांवों से भक्त यजमान कथा श्रवण करने ब्राह्मणखोली पहुंच रहे हैं।

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नगर पंचायत ऊखीमठ के ओंकारेश्वर वार्ड स्थित ब्राह्मणखोली गांव में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य दयानन्द देवशाली ने कहा कि श्रीमद्भागवत एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान की सभी लीलाओं का वर्णन किया गया है। कहा। कहा कि जिस प्रकार नदियों में गंगा श्रेष्ठ, देवों मे इन्द्र, हाथियों में ऐरावत, नागों में वासुकी ऋतुओं में बसन्त को श्रेष्ठ माना गया है उसी प्रकार पितरों के मोक्ष के लिए श्रीमद्भागवत कथा को श्रेष्ठ माना गया है! श्रीमद्भागवत के दौरान आचार्य स्व0 श्रीहर्ष जमलोकी के भाई वर्ध जमलोकी पुत्र आचार्य विश्व मोहन जमलोकी एवं अभ्युदय जमलोकी, दीप्तिधर द्वारा उनके जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक पुष्पांजलि का विमोचन भी किया जायेगा! सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में रवीन्द्र बडोनी, नीरज पंत, हिमाशु मैठाणी द्वारा संगीत पर साथ दिया जा रहा है! इस मौके पर आचार्य बच्ची राम सेमवाल, पण्डित भगवती प्रसाद सेमवाल, उमादत्त मैठाणी,उर्वीदत्त मैठाणी, जगदम्बा प्रसाद बेंजवाल, सतीश चन्द्र नौटियाल,बेंकटरमण सेमवाल, जगदीश प्रसाद भट्ट, पुजारी शिव शंकर लिंग,भवानन्द पुरी, मन्दिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल,बिष्णु प्रसाद किमोठी, उपासना सेमवाल, देवानंद गैरोला,मगनानन्द भट्ट, देवेन्द्र बज्वाल आदि मौजूद थे।