कुसुम भट्ट  / भणज केदारघाटी से प्रसारित होने वाले सामुदायिक रेडियो 'मंदाकिनी की आवाज' का दसवाँ प्रसारण स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस बार स्थापना दिवस 'डिजिटल जागरूकता' को समर्पित किया गया।

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  वर्तमान में यह स्टेशन उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और पौड़ी जिलों की लगभग साढ़े तीन लाख से आबादी के साथ तकरीबन 1800 से अधिक गांवों में एफएम सेवाएं प्रदान कर रहा है। सामुदायिक रेडियो 'मंदाकिनी की आवाज' के निदेशक मानवेंद्र नेगी कहते हैं कि सामुदायिक रेडियो का उद्देश्य समाज की प्रतिभाओं को उभारना, अपनी बोली-भाषा को बढ़ावा देना और स्थानीय गतिविधियों को उचित समय पर क्षेत्रवासियों तक पहुंचाना है। यह एफएम रेडियो आपदा प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभा रहा है। प्रसारण सेवा दसवे स्थापना दिवस का आगाज रेडियो मंदाकिनी की आवाज पर एक साल की उपलब्धियों के प्रसारण के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डिजिटल जागरूकता, शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण, पर्यावरण में डिजिटल में विभिन्न वक्ताओं द्वारा परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें कृष्णानंद नौटियाल, माधव सिंह नेगी, नंदन सिंह राणा, संजय शर्मा, गोविंद सिंह पंवार, राजपाल सिंह पंवार, गीता नौटियाल, कुसुम भट्ट, ललिता रौतेला, सतेश्वरी रौथाण आदि कवियों ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में संगीत के सम्मान पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में विजयपाल रावत, गुंजन खत्री, ममता नेगी, हेमलता बिष्ट, राजपाल पंवार, रमेश रंगीला, भागेश्वरी नेगी, पूनम रावत, माधव सिंह नेगी, नन्दन सिंह राणा, संजय शर्मा, गोविन्द सिंह पंवार, रामचन्द्र सिंह नेगी, पुष्कर दत्त गौड़, गीता नौटियाल, मनीषा नेगी, पूनम बडियारी, गौरव नेगी, देवेश्वरी सेमवाल, राजश्री भण्डारी, बलिराम नौटियाल, नरेन्द्र सिंह पडियार,दरवान सिंह सिन्धवाल, शिव सिंह भण्डारी आदि मौजूद रहे।