हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य पर हेल्पेज इण्डिया द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा वृद्धजन रिक्रियेशन सेण्टर का उद्घाटन भी किया गया। साथ ही वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। केदारघाटी वृद्ध ग्राम गिंवाला, अगस्त्यमुनि में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता ख्यातिप्राप्त पर्यावरणविद् एवं उत्तराखण्ड सरकार के ग्रीन एम्बेसेडर जगतसिंह चौधरी ‘जंगली‘ ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने इतनी नैमतें दी हुई हैं जिससे उत्तराखण्ड में कोई बुजुर्ग नहीं होता है। प्रकृति से दूर होने पर ही हम बुजुर्ग हुए हैं। उन्होंने

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हेल्पेज इण्डिया द्वारा वृद्धजनों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज केदारघाटी में वृद्धजन सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं। साथ ही उन्होंने हेल्पेज इण्डिया के प्रदेश प्रमुख चैतन्य उपाध्याय से बुजुर्गाें के संस्मरणों को दस्तावेज के रूप में संरक्षण करने की अपील की। कहा कि बुजुर्गों का अनुभव, युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य करेगा। उत्तराखण्ड पेंशनर संगठन के जिलाध्यक्ष एवं सेनि संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेशप्रसाद चमोला ने कहा कि हेल्पेज इण्डिया वृद्धजनों के लिए सहारा बना है। राष्ट्रीय सीनियर सिटिजन एसोसियेशन के संयुक्त सचिव पशुपतिनाथ बगवाड़ी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के आह्वान पर एक अक्टूबर को हर देश में वृद्ध दिवस मनाने की परम्परा है। वर्तमान समय में सरकार एवं युवा पीढ़ी की अनदेखी के कारण हमारे देश के वरिष्ठ नागरिकों की समस्या में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं। अजीम प्रेम जी फाउण्डेशन के मयंक रतूड़ी ने कहा कि आज हमारे देश में कुल जनसंख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा बजुर्गों का है। इसमें भी अधिकांश हिस्सा महिलाओं का है। क्योंकि आज भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। परन्तु आगामी कुछ वर्षों में ये युवा बुजुर्गों की श्रेणी में आ जायेंगे। हमें इस पर गम्भीरता से सोचना होगा। पेंशनर संगठन के जिला सचिव श्रीनन्द जमलोकी ने कहा कि हमें अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करना होगा। बुजुर्ग होना एक सतत प्रक्रिया है जिसे रोका नहीं जा सकता है। परन्तु हम अपनी दिनचर्या एवं रहन सहन से इससे हानेवाली दिक्कतों को कम जरूर कर सकते हैं। हेल्पेज इण्डिया के प्रदेश प्रमुख चैतन्य उपाध्याय ने कहा कि बजुर्ग होना कोई समस्या नहीं है। समस्या तो नकारा होने में है। हमारी सनातन संस्कृति में बजुर्गों द्वारा किए गये कार्यों की लम्बी चौड़ी फेहरिस्त है। कहा कि हेल्पेज इण्डिया 45 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर वृद्धजनों के कल्याण हेतु कार्य कर रही है। संस्था का उद्देश्य वंचित वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार व देखभाल की सुविधा मुहैया कराना है जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। 2013 से रूद्रप्रयाग जिले में केदारघाटी वृद्धग्राम गिंवाला, अगस्त्यमुनि में हेल्पेज द्वारा विभिन्न तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं एवं आजीविका गतिविधियों के माध्यम से जनपद के बुजुर्गों को सुविधायें प्रदान की जा रही हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए हेल्पेज इण्डिया के जिला प्रमुख प्रवीण राय ने बताया कि संस्था निकट भविष्य में बुजुगों की आवश्यकता को देखते हुए जनपद में दूरथ क्षेत्र की 18 ग्राम पंचायतों में फिजियोथेरपी केन्द्रों की स्थापना करने जा रही है। कार्यक्रम को बाबा श्री केदारनाथदास सेवा मण्डल के अध्यक्ष चन्द्र सिंह नेगी, सुधांशु कोटनाला सहित कई बुजुर्गों ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर हेल्पेज इण्डिया द्वारा बुजुर्गों के मनोरंजन हेतु रिक्रियेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया गया। जिसमें बुजुगों के मनारंजन हेतु खेल उपकरणों के साथ ही एवं विभिन्न धार्मिक साहित्यिक पत्रिकाओं को पढ़ने को मिलेगी। इस अवसर पर केदारनाथ दास सेवा मण्डल के सहयोग से वृद्धग्राम परिसर में पारिजात के पौध का रोपण भी किया गया। गोष्ठी में देवी प्रसाद भट्ट, शशिधर सेमवाल, दिग्पाल सिंह नेगी, देवी प्रसाद गोस्वामी सकिहत कई बुजुर्ग उपस्थित रहे।