हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि।  दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। साहसिक खेल में उत्तराखण्ड नित नये आयाम जोड़ रहा है। पिछले माह साहसिक खेल के अन्तर्गत एडवेंचर स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखण्ड की 12 सदस्य टीम ने एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर दिया। इस टीम ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 4 दिनों में 235 किमी की दूरी तय कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। भारतीय टीम द्वारा विश्व रिकॉर्ड बनाने पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह सोमवार को टीम से मिलकर उनका हौसला अफजाई करेंगे। उत्तराखण्ड में

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विश्व की पहली हाई एल्टीट्यूड रिले रेस: दि हिमालयन चेज के पहले संस्करण में टीम ने पिथौरागढ़ से ओम पर्वत और आदि कैलाश तक दौड़कर कुल 235 किमी की दूरी 4 दिन में पूरी की। इस रेस का उद्देश्य उत्तराखण्ड के कोल्ड डेज़र्ट्स को पहचान दिलाना है। 12 सदस्यीय टीम में एवरेस्ट विजेता मनीष कशनीयाल ,अविजित जमलोकी, सागर देवराड़ी, नीरज सामंत, आकाश डोभाल, पंकज बिष्ट, युवराज सिंह रावत, ऋषभ जोशी, रजत जोशी, दीपक बाफिला, विवेक सिंह रावत, नवनीत सिंह शामिल थे। इनमें सात धावक थे और बाक़ी मैनेजमेण्ट और फ़िल्म टीम शामिल थी। रूद्रप्रयाग जनपद के लिए यह दौड़ गौरवान्वित करने वाली रही। जनपद का एक युवा ट्रैकर अविजित जमलोकी भी बतौर धावक इस विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली 12 सदस्यीय टीम का हिस्सा बना। [caption id="attachment_33843" align="aligncenter" width="1600"] अविजित जमलोकी[/caption] अविजित जमलोकी रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ तहसील के रविग्राम का निवासी है। उनके पिता नरेश जमलोकी अउ राइका रूद्रप्रयाग में प्रवक्ता एवं माता गृहणी हैं। जबकि दादाजी श्रीनन्द जमलोकी सांसद प्रतिनिधि के तौर पर समाजसेवा से जुड़े है। अविजित ने बीटेक करने के बाद टूरिज्म से एमबीए की पढ़ाई की है। शुरूआती दौर में उन्होंने नौकरी को तरजीह दी। इस दौरान उन्होंने देश के विभिन्न पहाड़ी एवं हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैंकिग टूर आयोजित कराये। परन्तु उन्हें किसी की नौकरी करना गवारा नहीं हुआ। पिछले एक वर्ष से वे अपनी स्वयं की पीका एडवेंचर कम्पनी के द्वारा ट्रैंिकंग टूर आयोजित करा रहे हैं। अविजित जमलोकी ने बताया कि उत्तराखण्ड की केदारघाटी का निवासी होने से उन्हें पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने का शौक बचपन से ही रहा। साथ ही पारिवारिक माहौल भी उनके अनुरूप रहा। फिटनेस पर ध्यान परिवार का मूल मंत्र था। पिताजी फुटबॉल एवं क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। चाचा कमलेश जमलोकी भी क्रिकेट कोच रहे हैं तथा वर्तमान में क्रिकेट एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष हैं। जबकि दादाजी 80 वर्ष की आयु में भी सबसे युवा का कार्यकर्ता कहलाते हैं। इसीलिए बीटेक करने के बाद उन्होंने एमबीए में टूरिज्म को ही चुना। अविजित ने बताया कि पहाड़ एवं हिमालयी क्षेत्र में लगातार ट्रैंिकंग आयोजित करने के कारण ही उन्हें एडवेंचर स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखण्ड का स न केवल सदस्य बनने का अवसर प्राप्त हुआ बल्कि हाई एल्टीट्यूड रिले रेस में प्रतिभाग करने का भी अवसर मिला। जो उनके लिए गौरव की बात हेै। इस इवेंट पर एसोसिएशन द्वारा एक डॉक्यूमेंट्री फ़ीचर फ़िल्म भी बनायी जा रही है जो जल्द ही प्रकाशित की जायेगी। टीम इसके बाद नीति घाटी में रिले रेस करने वाली है जो और भी अधिक मुश्किल और चुनौतियों से भरी होगी। अगले संस्करण का नाम होगा दि हिमालयन चेज दिनीति चैलेन्ज होगा। यह रेस नीति, नेलांग और जोहार घाटियों में होगी।