हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि। दस्तक न्यूज ब्यूरो। भव्य जलकलश यात्रा के साथ ग्राम नाकोट में श्रीमद्भागवत एवं श्रीमद्देवी भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारम्भ हुआ। व्यास पीठ पर बैठे आचार्य बृजमोहन सेमवाल ने पहले दिन की कथा वाचन करते हुए कहा कि मनुष्य बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण

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क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। वे ग्राम नाकोट में संरपंच एवं मन्दाकिनी मेला समिति के महासचिव हषवर्धन बेंजवाल द्वारा अपनी माता स्व0 श्रीमती भागीरथी देवी तथा स्व0 श्रीमती पूरवा देवी के साथ ही अपने स्व0 पुत्र गौरवकान्त के पितृमोक्ष हेतु आयोजित श्रीमद्भागवत एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में व्यास गद्दी पर विराजमान होकर कथा का वाचन कर रहे हैं। इससे पूर्व श्री अगस्त्य मन्दिर से भव्य जलकलश यात्रा के साथ अगस्त्य महाराज के प्रतीक बल्लम को लाकर भद्रमण्डप पर विधि विधान के साथ स्थापित किया गया। तुल पुरोहित पं0 घनानन्द वशिष्ठ एवं पं0 आशुतोष वशिष्ठ द्वारा पंच पूजन किया गया। व्यास पीठ पर आचार्य बृजमोहन सेमवाल द्वारा श्रीमद्भागवत पुराण एवं आचार्य अजय भट्ट द्वारा श्रीमद् देवी भागवत पुराण कथा का श्रवण कराया जा रहा है। इस अवसर पर राजेन्द्र पुरोहित, विक्रम नेगी, चन्द्रसिंह नेगी, चंद्रशेखर  बेंजवाल, योगेश बेंजवाल, भूपेन्द्र बेंजवाल,  सहित सभी बेंजवाल परिवार मौजूद रहे।