अब खाली पड़े स्कूलों एवं सरकारी भवनों को लेगा सहकारिता विभाग, PACS के जरिए गरीबों के लिए होंगे ये काम, ऐसे मिलेगा लाभ
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11/10/20231:44 pm
दस्तक पहाड ब्यूरो / देहरादून
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में सहकारिता विभाग के तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के माध्यम से प्रदेश के गरीब तबके की आर्थिकी को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने और जनपद की सभी पैक्स का निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्तरीय निगरानी एवं कार्यान्वयन समितियों के अंतर्गत पैक्स की समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैक्स को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराकर छोटे किसान, गरीब मजदूरों को सीधे लाभ प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गैस वितरण एजेंसियों और पेट्रोल पम्पों आदि आवंटन में पैक्स को वरीयता दी जाए। उन्होंने पैक्स द्वारा निर्धारित तिथि तक आवेदन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार की विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के तहत प्रत्येक जनपद में अन्न भण्डारण हेतु भूमि चयनित कर पैक्स को आबंटित की जाए। पैक्स को इसके संचालन के लिए अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि इसमें स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खरीद और वितरण में भी पैक्स को शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पैक्स के माध्यम से खरीद कर वितरित करना और अन्न भण्डारण गृहों में रखे जाने से ये प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि बिचौलियों को भी दूर रखा जा सकेगा और लाभ सीधे स्थानीय पैक्स सदस्यों और किसानों को होगा। उन्होंने गन्ना समितियों को भी इसमें शामिल करते हुए अधिक से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियां तैयार की जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने प्रदेश के खाली पड़े स्कूलों एवं सरकारी भवनों को आवश्यकता के अनुसार सहकारिता विभाग को हस्तांतरित करते हुए पैक्स के उपयोग हेतु कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों का संचालन भी पैक्स के माध्यम से कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए बेरोजगार फार्मासिस्टों की जानकारी राज्य की फार्मासिस्ट काउंसिल से लेकर फार्मासिस्टों को इससे जोड़ने के साथ ही ड्रग लाईसेंस उपलब्ध कराया जाए। साथ ही सभी सरकारी चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला सहकारी विकास समितियों की लगातार समीक्षाएं आयोजित कर इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाए।
प्रदेश के कॉमन सर्विस सेंटरों को भी पैक्स के माध्यम से संचालित किया जाए। पैक्स को मल्टी स्टेट संघों की सदस्यता लेने हेतु भी प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि पैक्स को मजबूत करके हम प्रदेश के आम आदमी को मजबूत कर सकते हैं, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में आर्थिकी को बढ़ाने की अपार सम्भावनाएं हैं। इससे होने वाला लाभ सीधे समिति के सदस्यों में बराबर वितरित होता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम एवं दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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दस्तक पहाड ब्यूरो / देहरादून
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में सहकारिता विभाग के तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि
प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के माध्यम से प्रदेश के गरीब तबके की आर्थिकी को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने और जनपद की सभी पैक्स का निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने जिला स्तरीय निगरानी एवं कार्यान्वयन समितियों के अंतर्गत पैक्स की समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैक्स को अधिक से अधिक
रोजगार उपलब्ध कराकर छोटे किसान, गरीब मजदूरों को सीधे लाभ प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गैस वितरण एजेंसियों और पेट्रोल पम्पों आदि आवंटन में पैक्स
को वरीयता दी जाए। उन्होंने पैक्स द्वारा निर्धारित तिथि तक आवेदन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार की विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के तहत प्रत्येक जनपद में अन्न भण्डारण हेतु भूमि चयनित कर पैक्स को आबंटित की जाए।
पैक्स को इसके संचालन के लिए अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि इसमें स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खरीद और
वितरण में भी पैक्स को शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पैक्स के माध्यम से खरीद कर वितरित करना और अन्न भण्डारण गृहों में रखे जाने से ये प्रक्रिया
आसान हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि बिचौलियों को भी दूर रखा जा सकेगा और लाभ सीधे स्थानीय पैक्स सदस्यों और किसानों को होगा। उन्होंने गन्ना समितियों को भी इसमें शामिल करते
हुए अधिक से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियां तैयार की जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने प्रदेश के खाली पड़े स्कूलों एवं सरकारी भवनों को आवश्यकता के अनुसार
सहकारिता विभाग को हस्तांतरित करते हुए पैक्स के उपयोग हेतु कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों का संचालन भी
पैक्स के माध्यम से कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए बेरोजगार फार्मासिस्टों की जानकारी राज्य की फार्मासिस्ट काउंसिल से लेकर
फार्मासिस्टों को इससे जोड़ने के साथ ही ड्रग लाईसेंस उपलब्ध कराया जाए। साथ ही सभी सरकारी चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के लिए स्थान
उपलब्ध कराया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला सहकारी विकास समितियों की लगातार समीक्षाएं आयोजित कर इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाए।
प्रदेश के कॉमन सर्विस सेंटरों को भी पैक्स के माध्यम से संचालित किया जाए। पैक्स को मल्टी स्टेट संघों की सदस्यता लेने हेतु भी प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि पैक्स को मजबूत करके हम प्रदेश के आम आदमी को मजबूत कर सकते हैं, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में आर्थिकी को बढ़ाने की अपार सम्भावनाएं हैं।
इससे होने वाला लाभ सीधे समिति के सदस्यों में बराबर वितरित होता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम
एवं दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।