युद्ध का हुआ एलान, लक्ष्मण हुए मूर्छित, श्री राम हुए व्याकुल, हनुमान लाए संजीवनी बूटी
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03/11/20233:24 pm
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
अगस्त्यमुनि में आयोजित श्री रामलीला में प्रभु श्रीराम की लीला देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रभु की लीला देखकर जहां भक्त हर्षित हो रहे हैं, वहीं पंडाल जय श्रीराम के जयघोष से गूंज रहे हैं।
दस्तक पहाड न्यूज। श्री अगस्त्य रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के दसवे दिन प्रभु श्री राम द्वारा रावण को समझने के लिए अंगद को दूत के रूप में रावण के पास भेजा जाता है। अंगद के बार-बार समझाने के बाद भी रावण को समझ में नहीं आता है। रावण और अंगद के बीच भीषण संवाद होता है और अंत में रावण अंगद द्वारा अपना पैर धरती पर जमा कर रावण के शूरवीरों की परीक्षा ली जाती है। और कोई भी शूरवीर अंगद का पैर धरती से नहीं उठा पता है और अंगद द्वारा युद्ध का ऐलान किया जाता है।
युद्ध के प्रथम दिन रावण द्वारा मेघनाथ को भेजा जाता है। मेघनाथ और लक्ष्मण का भीषण युद्ध होता है। मेघनाथ द्वारा ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया जाता है। प्रभु श्री राम लक्ष्मण की अवस्था देखकर बहुत ही व्याकुल होते हैं ऐसे में विभीषण की सलाह पर हनुमान जी सुषैण वैध को लेकर आते हैं। सुषैण वैद्य जी बताते हैं कि अगर संजीवनी बूटी रात में आ जाए तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं हनुमान जी जाकर संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत ही उठा लाते हैं और सुषैण वैध द्वारा संजीवनी बूटी से लक्ष्मण के प्राण बचाए जाते हैं।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप श्री अगस्त्य कीर्तन मंडली और नाकोट कीर्तन मंडली की महिलाऐ उपस्थित रही। रामलीला के 11 वें दिन आज शुक्रवार रात कुम्भकरण और मेघनाथ वध का मंचन किया जाएगा।
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युद्ध का हुआ एलान, लक्ष्मण हुए मूर्छित, श्री राम हुए व्याकुल, हनुमान लाए संजीवनी बूटी
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दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
अगस्त्यमुनि में आयोजित श्री रामलीला में प्रभु श्रीराम की लीला देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रभु की लीला देखकर जहां भक्त हर्षित हो रहे
हैं, वहीं पंडाल जय श्रीराम के जयघोष से गूंज रहे हैं।
दस्तक पहाड न्यूज। श्री अगस्त्य रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के दसवे दिन प्रभु श्री राम द्वारा रावण को समझने के लिए अंगद को दूत के रूप में रावण के
पास भेजा जाता है। अंगद के बार-बार समझाने के बाद भी रावण को समझ में नहीं आता है। रावण और अंगद के बीच भीषण संवाद होता है और अंत में रावण अंगद द्वारा अपना पैर
धरती पर जमा कर रावण के शूरवीरों की परीक्षा ली जाती है। और कोई भी शूरवीर अंगद का पैर धरती से नहीं उठा पता है और अंगद द्वारा युद्ध का ऐलान किया जाता है।
युद्ध के प्रथम दिन रावण द्वारा मेघनाथ को भेजा जाता है। मेघनाथ और लक्ष्मण का भीषण युद्ध होता है। मेघनाथ द्वारा ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर लक्ष्मण को
मूर्छित कर दिया जाता है। प्रभु श्री राम लक्ष्मण की अवस्था देखकर बहुत ही व्याकुल होते हैं ऐसे में विभीषण की सलाह पर हनुमान जी सुषैण वैध को लेकर आते हैं।
सुषैण वैद्य जी बताते हैं कि अगर संजीवनी बूटी रात में आ जाए तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं हनुमान जी जाकर संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत ही उठा लाते हैं और
सुषैण वैध द्वारा संजीवनी बूटी से लक्ष्मण के प्राण बचाए जाते हैं।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप श्री अगस्त्य कीर्तन मंडली और नाकोट कीर्तन मंडली की महिलाऐ उपस्थित रही। रामलीला के 11 वें दिन आज शुक्रवार रात कुम्भकरण और
मेघनाथ वध का मंचन किया जाएगा।