मन्दाकिनी शरदोत्सव को लेकर तनातनी, गुपचुप ऐजेंडे पर रोष, स्थानीय व्यापारियों ने लगाया उपेक्षा का आरोप
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04/11/20235:12 pm
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज। मंदाकिनी शरदोत्सव कृषि औद्योगिक विकास मेला आयोजन को तमाम अनियमितताओं को लेकर व्यापार संघ और मेला समिति में आज स्थिति हंगामेदार हो गई। दरअसल इस बार बिना सार्वजनिक बैठक बुलाऐ आयोजन की रूपरेखा तय कर दी गई, जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों में खासा रोष है। बता दें आगामी सात नवम्बर से 11 नवम्बर तक अगस्त्यमुनि स्पोर्ट्स स्टेडियम में पांच दिवसीय मन्दाकिनी शरदोत्सव कृषि औद्योगिक विकास मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस बार मेला और त्योहारी सीजन एकसाथ आने से भी स्थानीय व्यापारियों को व्यापार प्रभावित होने की डर सता रहा है। जिसको लेकर आज एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई।
व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट का कहना है मेला आयोजन में स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी की गई है, बिना उनका पक्ष जाने आयोजन और रूपरेखा तय कर दी गई, जिस पर हमने आपत्ति दर्ज की है। विगत सालों से मेला ठेकेदार पांच दिन से ज्यादा दुकाने लगाते है जो सरासर गलत है, जिसका हम विरोध करते है। मेला समिति को आयोजन के लिए खुली बैठक बुलानी चाहिए थी लेकिन गुपचुप तरीके से सब निर्णय ले लिए गए है।
व्यापार संघ महामंत्री त्रिभुवन नेगी ने कहा हम मेले के विरोध में नहीं है लेकिन स्थानीय आजीविका को मध्यनजर रखा जाना चाहिए। हमने मेले में स्थानीय व्यापारियों को दुकान आवंटित करने को कहा है।
व्यापारियों की आपत्ति पर मेला सचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने कहा कि व्यापार संघ मेले के सबसे अहम सहयोगी है, उनके सभी सुझावों को पूरा किया जाएंगे। मेले की दुकाने केवल पांच दिन ही रहेंगी साथ ही स्थानीय व्यापारियों को दुकाने भी आवंटित की जाएंगी। उन्होंने कहा मेला आयोजन में हमेशा प्रशासन, नगर पंचायत और स्थानीय लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका है। आय-व्यय की पूर्ण पारदर्शिता बरती जाती है। विगत वर्ष मेले में 19 लाख रुपए खर्च हुए। जिसका पूर्ण ब्यौरा सार्वजनिक किया गया है। आज तक जनप्रतिनिधियों ने मेला आयोजन को लेकर रूपये देने की जो घोषणा की वो अधिकांश कोरी साबित हुई। विधायक द्वारा भी चार लाख की घोषणा की थी, जिस पर दो लाख ही हमें प्राप्त हुए। जिस कारण इस बार अतिथि परंपरा को सीमित किया गया है। इस मेले को राजकीय दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
वरिष्ठ नागरिक श्रीनंद जमलोकी ने कहा यह आयोजन नगर की पहचान बनता जा रहा है, बड़ी संख्या लोग इसमें शामिल होते है, विगत वर्षों से मेला समिति ने सीमित संसाधनों के बीच इसे ऊँचाईयों तक पहुँचाया है। बड़े आयोजन को लेकर सभी की सहभागिता आवश्यक है।
स्थानीय निवासी राजेश बेंजवाल ने मेले में खेलों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में निष्पक्ष निर्णायकों के लिए अनुभवी लोगो को रखने की बात रखी। वही व्यापार संघ के प्रदेश मंत्री मोहन रौतेला ने आयोजन को लेकर खुली बैठक रखने और जिम्मेदारियाँ बाँटने की बात रखी।
इस अवसर नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल, नगर पंचायत सभासद उमा प्रसाद भट्ट, भूपेन्द्र राणा, मेला उपाध्यक्ष विक्रम नेगी, पूर्व प्रधान बलबीर लाल, वरिष्ठ नागरिक श्रीनंद जमलोकी, मोहन सिंह रौतैला, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, विजय बंगरवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी, राजेश बेंजवाल, यशंवत रौथाण, रोहित रावत, उत्तम नेगी, मोहन सिंह उपस्थित हुए।
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मन्दाकिनी शरदोत्सव को लेकर तनातनी, गुपचुप ऐजेंडे पर रोष, स्थानीय व्यापारियों ने लगाया उपेक्षा का आरोप
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दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज। मंदाकिनी शरदोत्सव कृषि औद्योगिक विकास मेला आयोजन को तमाम अनियमितताओं को लेकर व्यापार संघ और मेला समिति में आज स्थिति हंगामेदार हो
गई। दरअसल इस बार बिना सार्वजनिक बैठक बुलाऐ आयोजन की रूपरेखा तय कर दी गई, जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों में खासा रोष है। बता दें आगामी सात नवम्बर से 11
नवम्बर तक अगस्त्यमुनि स्पोर्ट्स स्टेडियम में पांच दिवसीय मन्दाकिनी शरदोत्सव कृषि औद्योगिक विकास मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस बार मेला और त्योहारी
सीजन एकसाथ आने से भी स्थानीय व्यापारियों को व्यापार प्रभावित होने की डर सता रहा है। जिसको लेकर आज एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई।
व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट का कहना है मेला आयोजन में स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी की गई है, बिना उनका पक्ष जाने आयोजन और रूपरेखा तय कर दी गई, जिस पर
हमने आपत्ति दर्ज की है। विगत सालों से मेला ठेकेदार पांच दिन से ज्यादा दुकाने लगाते है जो सरासर गलत है, जिसका हम विरोध करते है। मेला समिति को आयोजन के लिए
खुली बैठक बुलानी चाहिए थी लेकिन गुपचुप तरीके से सब निर्णय ले लिए गए है।
व्यापार संघ महामंत्री त्रिभुवन नेगी ने कहा हम मेले के विरोध में नहीं है लेकिन स्थानीय आजीविका को मध्यनजर रखा जाना चाहिए। हमने मेले में स्थानीय
व्यापारियों को दुकान आवंटित करने को कहा है।
व्यापारियों की आपत्ति पर मेला सचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने कहा कि व्यापार संघ मेले के सबसे अहम सहयोगी है, उनके सभी सुझावों को पूरा किया जाएंगे। मेले की
दुकाने केवल पांच दिन ही रहेंगी साथ ही स्थानीय व्यापारियों को दुकाने भी आवंटित की जाएंगी। उन्होंने कहा मेला आयोजन में हमेशा प्रशासन, नगर पंचायत और
स्थानीय लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका है। आय-व्यय की पूर्ण पारदर्शिता बरती जाती है। विगत वर्ष मेले में 19 लाख रुपए खर्च हुए। जिसका पूर्ण ब्यौरा सार्वजनिक
किया गया है। आज तक जनप्रतिनिधियों ने मेला आयोजन को लेकर रूपये देने की जो घोषणा की वो अधिकांश कोरी साबित हुई। विधायक द्वारा भी चार लाख की घोषणा की थी, जिस
पर दो लाख ही हमें प्राप्त हुए। जिस कारण इस बार अतिथि परंपरा को सीमित किया गया है। इस मेले को राजकीय दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
वरिष्ठ नागरिक श्रीनंद जमलोकी ने कहा यह आयोजन नगर की पहचान बनता जा रहा है, बड़ी संख्या लोग इसमें शामिल होते है, विगत वर्षों से मेला समिति ने सीमित संसाधनों
के बीच इसे ऊँचाईयों तक पहुँचाया है। बड़े आयोजन को लेकर सभी की सहभागिता आवश्यक है।
स्थानीय निवासी राजेश बेंजवाल ने मेले में खेलों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में निष्पक्ष निर्णायकों के लिए अनुभवी लोगो को रखने की बात रखी।
वही व्यापार संघ के प्रदेश मंत्री मोहन रौतेला ने आयोजन को लेकर खुली बैठक रखने और जिम्मेदारियाँ बाँटने की बात रखी।
इस अवसर नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल, नगर पंचायत सभासद उमा प्रसाद भट्ट, भूपेन्द्र राणा, मेला उपाध्यक्ष विक्रम नेगी, पूर्व प्रधान बलबीर लाल, वरिष्ठ
नागरिक श्रीनंद जमलोकी, मोहन सिंह रौतैला, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, विजय बंगरवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी, राजेश बेंजवाल, यशंवत रौथाण,
रोहित रावत, उत्तम नेगी, मोहन सिंह उपस्थित हुए।