दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज। - मन्दाकिनी शरदोत्सव की पहली शाम सुप्रसिद्ध लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के नाम रही। उन्हें सुनने शरदोत्सव का पाण्डाल अंधेरा होने से पहले ही खचाखच भर गया।

Featured Image

सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत रूमा झूमा बाली संध्या जाग गीत से हुई। लोकगायक प्रीतम ने सरूली मेरू जिया लगीगे, तिबारी मा बैठी होली सौजड़या मेरी, काला डाडां बंग्लादेश, मोहना तेरी मुरली बाजी, मेरा नाती की जड़वान गीतों से शमा बांधा वही शिवजी कैलाश रौंदा, गजमाला, पाण्डव जागर गाकर देवगाथाओं से दर्शकों से मंत्र मुग्ध कर दिया। दर्शको की खचाखच भीड़ को सम्बोधित करते हुए लोकगायक पद्मश्री डाॅ प्रीतम भरतवाण ने कहा अगस्त्यमुनि क्षेत्रवासियों से मिले इस अथाह प्यार से मैं अभिभूत हूँ। बीस साल पहले मुझे इस मंच पर आने का मौका मिला था इस बार फिर से आपके बीच हूँ। 24 देश में 1419 स्टेज प्रोग्राम कर चुके प्रीतम भरतवाण को उत्तराखण्ड में जागर सम्राट भी कहा जाता है। उत्तराखण्ड की जागर शैली और ढोल वादन को उन्होंने नयी पहचान दी है। सनसिनाटी यूनिवर्सिटी समेत दुनिया के कई विश्व विद्यालयों में उन्हें इस विधा को सिखाने के लिए बुलाया गया। मेला महासचिव हर्षवर्धन बेंजवाल ने पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का स्वागत करते हुए बड़ी संख्या में शरदोत्सव पाडांल में पहुँचने पर दर्शकों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा मेले हमारी संस्कृति के पोषक होते है, साथ ही यह क्षेत्र को भी नयी पहचान देते है। मेला में सबका सकारात्मक सहयोग मनोबल बढ़ाता है। मेला समिति का प्रयास रहेगा कि क्षेत्रवासियों को शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देखने को मिले। उन्होंने बताया कि शरदोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को सुप्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल की स्टार नाइट है। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल, मेला संयोजक विक्रम नेगी, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, पूर्व प्रधान नाकोट बलवीर लाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी, गंगाराम सकलानी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेन्द्र भण्डारी, रणजीत बिष्ट आदि मौजूद रहे।