दीपक बेंजवाल  / जोशीमठ दस्तक पहाड न्यूज।  आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजित हो गई है। अब छह माह शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। छह माह बदरीनाथ धाम में गद्दी के दर्शन होते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी की पूजा अर्चना के बाद सुबह योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से डोली को रवाना किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गद्दी की पूजा अर्चना की। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में शंकराचार्य गद्दी को यात्रा के साथ जोशीमठ लाया गया। यहां पर लोगों ने फूल वर्षा कर शंकराचार्य गद्दी का स्वागत किया। पूजा अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जो जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में विराजित किया गया। शीतकाल के दौरान जहां भवगान नारायण अपने दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में देंगे वहीं शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। इस अवसर पर धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, देवपुजाई समिति अध्यक्ष भगवती नंबूदरी, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, आनंद सती, विकास सनवाल कुलानंद पंत, राजेश नंबूदरी, दर्शन कोटवाल सहित मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी एवं तीर्थयात्री स्थानीय श्रद्धालु मौजद रहे।