बाबा बौखनाग के पश्वा आए, बोले…बेटा सबको सुरक्षित रखूंगा, सिलक्यारा में आस्था के आगे आखिर क्यों नतमस्तक विज्ञान और सरकार
1 min read24/11/2023 12:33 pm
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड़ न्यूज / सिलक्यारा
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए टीम तकनीक के साथ अब आस्था पर भी विश्वास करना पड़ रहा है। रेसक्यूँ आपरेशन में बार-बार आ रही परेशानी को देखते हुए जब स्थानीय ग्रामीण बाबा बौखनाग की डोली को लेकर सुरंग के मुहाने पर पहुँचे। पश्वा गणेश प्रसाद पर अवतरित होकर बाबा बौखनाग ने अंदर फंसे सभी श्रमिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। सभी जल्द बाहर आ जाएंगे। अब यहां बचाव अभियान में इस्तेमाल के लिए आ रही हर मशीन को चलाने से पहले पूजा की जा रही है। कंपनी को भी अब लग रहा है कि कहीं सच में ऐसा ही तो नहीं इसलिए टनल साइट पर बौख नाग देवता के पुजारी को बुलाकर बुधवार को श्रीफल फोड़कर पूजा-पाठ कराई गई। भगवान के नाम का प्रसाद बनवाया और संकल्प लिया गया कि ऑपरेशन सफल होते ही देवता का मंदिर बनाया जाएगा। रेसक्यूँ आपरेशन में आए वैज्ञानिक, सीएम पुष्कर धामी, सासंद राजलक्ष्मी माला शाह, मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल तक सब बाबा बौखनाग के आगे नतमस्तक हुए।
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देवता की उपेक्षा का प्रभाव
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स्थानीय लोग कहते हैं कि ये हादसा इष्ट देव भगवान बौख नाग का प्रकोप है। टनल के ठीक ऊपर जंगल में बौख नाग देवता का मंदिर है। बाबा बौखनाथ सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देव हैं। यह नागराज का मंदिर है। यहां बाबा बौखनाग की ही पूजा-अर्चना की जाती है। बौखनाग देवता को इलाके का रक्षक माना जाता है। कंपनी ने जंगलों को छेड़कर टनल बनाना शुरू किया और बदले में कंपनी ने टनल के पास देवता का मंदिर बनाने का वायदा किया था, लेकिन 2019 से अभी तक मंदिर नहीं बनाया। कई बार लोगों ने कंपनी के अधिकारियों को इसकी याद भी दिलाई, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उल्टे टनल साइट पर कुछ दिन पहले ग्रामीणों का बनाया गया छोटा-सा मंदिर भी तोड़ दिया। इसके ठीक बाद टनल में दुर्घटना हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि ये देवता का प्रकोप है। वास्तव में बाबा बौखनाग के सामने अब विज्ञान और दोनों नतमस्तक होकर सबको सुरक्षित रखने की प्रार्थना कर रहे है।
दुनिया के सबसे कुशल टनल भू वैज्ञानिक ऑस्ट्रेलिया के RRanold ने बाबा बौखनाग के झुकाया सर
दुनिया के सबसे कुशल टनल भू वैज्ञानिक ऑस्ट्रेलिया के RRanold उत्तरकाशी पहुँच चुके है , ओर काम करने से पहले छेत्रपाल देवता बोखनाथ जी की पूजा की सर जमीन पर लगा कर प्रणाम किया , RRnold उत्तरकाशी मे टनल कार्य कर चुके है देवभूमि मे रहने की वजह से वो भी जानते है इस भूमि से देवताओं की मान्यता कितनी है , बेहराल 6इंच का पाइप अंदर तक पहुंच गया है मजदूरों को अब पका हुआ भोजन मिल पायेगा , RRnold ने साफ कहा है उनको निकालने के हाथ से भी मिट्टी खोदनी पड़ सकती है , 6दिन का उन्होंने टाइम मांगा है , पर पक्का हुआ भोजन पोंछने लगा है तो अब उतनी दिकत नही , उनके आने से सबकी जान मे जान आयी है , क्यो की वो हिमालय की मिट्टी मिट्टी जानते है और टनल मे उन्हें महारथ हासिल है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी, बौख नाग देवता से की मजदूरों के सफल रेस्क्यू की प्रार्थना
सीएम पुष्कर सिंह धामी बौख नाग देवता से सभी श्रमिकों की कुशलता की प्रार्थना भी की है।इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा टनल (उत्तरकाशी) के पास बने बौख नाग देवता के मंदिर के पास पहुंचकर हाथ जोड़े खड़े नजर आए।
सांसद ने भी भगवान से की प्रार्थना
बुधवार को सिलक्यारा टनल ऑपरेशन साइट पर पहुंची टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी भी भगवान बौख नाग देवता से प्रार्थना करती नजर आईं। दरअसल इस पूरे क्षेत्र में बौखनाग देवता को लोग आराध्य के तौर पर पूजते हैं। सुरंग के ऊपर जंगलों में कई देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर हैं।
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