कालिका काण्डपाल  / दस्तक पहाड़ विशेष  हर साल एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स परेशान रहते हैं सीमित सीटें होने और ऑल इंडिया लेवल पर होने वाले टेस्‍ट NEET में अच्‍छे स्‍कोर के लिए पैरेंटस भी परेशान रहते हैं। ऐसे में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82 फीसदी का इजाफा हुआ है जिससे काफी हद तक एमबीबीएस में एडमिशन लेना आसान होगा। यह जानकारी सरकार ने मंगलवार को दी।

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राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने बताया कि 2014 के बाद एमबीबीएस सीटों में भी 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि इसी अवधि में स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों की संख्या में भी 127 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर वर्तमान में 706 हो गई है। उन्होंने कहा कि इसी अवधि में एमबीबीएस सीटें 51,348 से बढ़कर 1,08,940 हो गईं, जबकि पीजी सीटें 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गईं। पवार ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 157 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 108 कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू होगी उत्तराखंड में 700 सीटों वाले पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज और 450 सीटों वाले तीन निजी मेडिकल कॉलेज हैं। नए सत्र से उत्तराखंड में मेडिकल छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कर सकेंगे। राज्य सूचना विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, तैयारी हो चुकी है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया इस महीने के अंत तक कोर्स लॉन्च कर सकते हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के बाद हिंदी में एमबीबीएस शुरू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। यह हिंदी पाठ्यक्रम, जो वैकल्पिक होगा, उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा विभाग की 4 सदस्यीय समिति द्वारा गहन अध्ययन के बाद लागू किया जा रहा है। समिति ने मध्य प्रदेश में लागू पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के बाद अपना स्वयं का हिंदी पाठ्यक्रम तैयार किया था और इसे हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सौंप दिया था, जिसने इसके कार्यान्वयन की औपचारिकताएं पूरी कीं।