दीपक बेंजवाल / बड़मा / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज। जखोली विकासखंड के बड़ामा पट्टी के दिगधार थाती में तीन दिवसीय प्रथम कृषि पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास महोत्सव का आज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुभारंभ हुआ।
मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कहा कि ऐसे मेलों के आयोजन से क्षेत्र के लोगों में रचनात्मक कार्य करने की भावना पैदा होती है और इसी संकल्प सिद्धि से क्षेत्र का विकास भी होता है। उन्होंने कहा में बड़मा क्षेत्र का आजीवन ऋणी हूँ इस क्षेत्र ने हमेशा मुझे भरपूर प्यार व समर्थन दिया है। उन्होंने मेला आयोजन स्थल को भव्य बनाने तथा मेला समिति के अस्थाई कार्यालय भवन निर्माण के लिए 16 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ तालमेल बिठाकर क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव कार्य किये जाएंगे। साथ ही यहाँ कि खेल व सांस्कृतिक प्रतिभाओं को बड़ा मंच प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा यह मेला केवल नाच गाने तक सीमित न रहे बल्कि इसके माध्यम से विकास की नींव तैयार हो। आज इस मंच से प्रस्तुति देने वाले नौनिहाल भविष्य में बड़े मंचों का जरूर हिस्सा बनेंगे। महिला मंगल दलों को नमन करते हुए कहा कि अपनी वेशभूषा परिधानों को लेकर बड़मा महोत्सव ने पूरे प्रदेश को सुखद संदेश दिया है, इससे हमारी बोलीभाषा, परिधानों को संरक्षण मिलेगा।
मेला समिति के अध्यक्ष विशम्भर रावत ने आमंत्रित अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह मेला 18 ग्राम सभाओं की परस्पर जनसहभागिता से शुरू हुआ है जिसमें बड़मा पट्टी की नयी सांस्कृतिक पहचान मिली है साथ ही इस आयोजन ने समस्त क्षेत्रवासियों में नया उत्साह भरा है।
मेला संरक्षक वीरेंद्र बुटोला ने कहा कि बड़मा पट्टी का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है और इसी उद्देश्य से यह तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण ने कहा कि राजनीति से हटकर बड़मा क्षेत्र के विकास के लिए सबको सम्मलित प्रयास करने होंगे। संयुक्त सचिव कालीचरण रावत ने बताया कि बड़मा क्षेत्र के लिए यह आयोजन समृद्धि के द्वार खोलेगा, क्षेत्र के लोग इसमें तन, मन, धन से सहयोग कर रहे है रह समस्त आयोजक समिति का उत्साहवर्धन है।
इस मेलो को लेकर बडमा पट्टी के लोगो में बड़ा उत्साह देखा गया। दूर दराज के गाँवों से लोग और प्रवासी मेले को देखने पहुंचे। सरकारी विभागों के स्टाल कम लगने से लोगो में नाराजगी रूर दिखी। अतिथियों द्वारा मेला स्थल पर लगे सरकारी व गैर सरकारी स्टाॅलों का निरीक्षण किया गया। स्टालों की शुरूआत स्थानीय काश्तकार तुलसीराम सेमवाल के स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी से हुई। मन्दाकिनी बुनकर समिति, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी स्टाॅल लगाए गए। मेला स्थल पर चरखी, झूला मनोरंजन के साधनों के साथ स्थानीय कास्तकारों द्वारा स्थानीय फल सब्जी की दुकाने लगाई गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम
बड़मा महोत्सव की शुरुआत स्वागत गीत से हुई, राजकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा कृष्ण गोपी गीत और नंदा राजजात की प्रस्तुति ने खूब तालियाँ बटोरी। पहली बार हो रहे आयोजन में स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों समेत महिला मंगल दलों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। दोपहर बाद लोकगायक किशन महिपाल द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति का लोगों ने भरपूर लुफ्त उठाया। उनके गीतों पर पांडाल से बाहर भी दर्शक थिरकते रहे।
इस अवसर पर पूर्व ब्लाक प्रमुख जगदीश्वरी भारद्वाज, क्षेपंस नीमा रौथाण, प्रधान ज्योति रौथाण, राजकीय शिक्षक संघ महामंत्री आलोक रौथाण, राजकीय शिक्षक संघ टिहरी जिलाध्यक्ष दिलवर सिंह रावत, प्राथमिक शिक्षक संघ रूद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण, त्रिलोक सिंह रावत, महादेव मैठाणी, मनोज रौथाण, संजय मैठाणी, सुखदेव रौथाण, त्रिलोक रौतेला, दिलबर,लाल, अरविंद भट्ट, दिनेश गौड़, विनोद मैठाणी, सुधीर रौथाण, तेरपन सिंह, उम्मेद सिंह रौथाण, मीना झिंक्वाण, अरविंद रौथाण, हयात सिंह राणा, लक्ष्मण सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह रावत, विपिन रावत, प्रधान मुसाढुंग सुरजी देवी, दीपक भण्डारी, प्रशांत डोभाल, प्रधान संगठन पूर्व अध्यक्ष बलराज बंगारी, सते सिंह रावत, दिनेश सिंह समेत बड़ी संख्या स्थानीय लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन मेला समिति के संयुक्त सचिव कालीचरण रावत, सचिव प्रदीप रावत व उमादत्त सेमवाल राही द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।