दस्तक पहाड़ न्यूज /अगस्त्यमुनि ।। उत्तराखण्ड में प्रान्तीय रक्षक दल यात्रा व्यवस्था से लेकर सुरक्षा कार्यों में लंबे वक्त अपनी सेवाए दे रहा है, राज्य के कई युवा इस दल का हिस्सा बने है, बावजूद सरकार पीआरडी जवानों को सालभर रोजगार देने के साथ राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लगातार अनसुना कर रही है, हालाँकि मुख्यमंत्री उनके नियमितीकरण की घोषणा कर चुके है लेकिन आजतक इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ। जिसमे पीआरडी जवानों का मनोबल दिन-प्रतिदिन टूटता जा रहा है। प्रान्तीय रक्षक दल हित संगठन जनपद रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष भरत बैरवाण और महामंत्री चन्द्रमोहन का कहना है उनकी चार सूत्रीय मांगे है जिनमें पीआरडी जवानों को 300 दिनों का रोजगार देने की घोषणा का शासनादेश जारी करना, पीआरडी जवानों का मानदेय होमगार्ड जवानों की तरह करना, कल्याण कोष को पूर्व की भाँति यथावत

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रखने और समस्त प्रदेश में पीआरडी जवानों को सरकारी कर्मचारियों की भाँति सीएल /ईएल दिया जाना है। उनका कहना है कि राज्य को समय-समय पर पीआरडी जवानों की जरूरत पड़ती है, गरीब बेरोजगार युवा ही इसका हिस्सा बनते है और अपनी ड्यूटी भी बखूबी निभाते है, ऐसे में सरकार को गरीब युवाओं की मांग सुननी चाहिए।