धामी सरकार ने पेश किया 89 हजार करोड़ का बजट, युवा शक्ति पर फोकस, हर जिले में स्वरोजगार केंद्र, आडोटोरियम समेत कई योजनाए
1 min read27/02/2024 6:14 pm
दस्तक पहाड न्यूज / देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट रखा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किए गए बजट के खास मायने हैं। बजट पर बोलते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सरकार जेंडर बजट के साथ राज्य के समग्र विकास पर आधारित बजट लेकर आई है। धामी सरकार ने 89 हजार करोड़ का बजट पेश किया। राजस्व के लिए लेखे का व्यय 55815.77 करोड़ और पूंजीगत लेखे का व्यय 33414.30 करोड़ रहा। राजस्व घाटा अभी अनुमानित नहीं है। इस बार बजट में 15 फीसदी बढ़ोतरी की गई।
बजट में युवा शक्ति के लिए खास
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- डिग्री कॉलेज सरकारी में शैक्षिक गुणवत्ता को 10 करोड़
- एनईपी के तहत चल रही अनुसन्धान योजना को 2 करोड़
- आरटीई के तहत 94 हजार से ज्यादा बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही।
- खटीमा में निशुल्क कोचिंग सेंटर
- सरकारी विद्यालयों में आईसीटी लैब
- विज्ञान के केंद्र चंपावत को तीन करोड़
- उदीयमान खिलाड़ी को छात्रवृत्ति के तहत 10 करोड़
- राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़
- राज्य व राष्ट्रीय युवा महोत्सव को 10 करोड़
- प्रशिक्षण शिविर को 5 करोड़
- खेलो इंडिया के लिए दो करोड़
- पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स कॉलेज भवन को दो करोड़
- निशुल्क गैस रिफिल 1,83,419 अंत्योदय कार्ड धारकों को साल में तीन सिलिंडर के लिए 54 करोड़
- पीएम आवास योजना ग्रमीण को 390 करोड़
- आंदोलकारियों के कल्याण व कोर्प्स फंड को 44 करोड़
- खाद्यान्न योजना को 20 करोड़
- विभिन्न विभागों की योजनाओं में सब्सिडी के लिए 679 करोड़ 34 लाख
धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया। राजस्व के लिए लेखे का व्यय 55815.77 करोड़ और पूंजीगत लेखे का व्यय 33414.30 करोड़ रहा। राजस्व घाटा अभी अनुमानित नहीं है। इनमें से सभी जिलों में हवाई संपर्क, असुरक्षित पुलों से छुटकारा, सरकारी विद्यालयों में आवश्यक फर्नीचर की उपलब्धि, सभी जिलों में स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना, जनपद मुख्यालयों में ऑडिटोरियम और संस्कृति केंद्रों की स्थापना, सभी जिला मुख्यालयों में स्टेडियम, प्रदेश से बाहर छात्रों को शैक्षिक भ्रमण पर स्वीकृत दी गई।
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अभिभाषण पूरी तरह से निराशाजनक : यशपाल आर्य
इससे पहले विधानसभा सत्र में पहले राज्यपाल द्वारा दिए गए अभिभाषण को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार के विजन का रोडमैप होता है। लेकिन अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। पुराने संकल्पों को दोहराया गया है। अभिभाषण पूरी तरह से निराशाजनक है। आर्य ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार का एक दस्तावेज होता है। प्रदेश की जनता को उम्मीद होती है कि सरकार अभिभाषण में राज्य के विकास को लेकर अपना विजन रखेगी। लेकिन इसमें नया कुछ नहीं है। पिछले वर्ष सरकार ने जो संकल्प लिए थे। उन्हीं को दोहराया गया है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार किस दिशा में काम कर रही है। वही बजट सत्र गैरसैंण में न कराए जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधायकों, पूर्व मंत्रियों व कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में एक घंटे का मौन उपवास किया। उन्होंने कहा कि सत्र को गैरसैंण में न कर भाजपा राज्य निर्माण भावना का अपमान कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बजट सत्र को गैरसैंण में करने का निर्णय विधानसभा के संकल्प के रूप में लिया गया था। लेकिन, भाजपा की सरकार ने बजट सत्र वहां न कर उत्तराखंड की जनता और राज्य निर्माण की भावना का अपमान किया है। साथ ही यह उत्तराखंड के शहीदों का भी अपमान है। कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन सहित कई आधारभूत ढांचे का निर्माण भी वहां किया था।
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