40 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में एक बार अवश्य कराएं आखों की जांच,18 मार्च तक चलेगा नेत्र सुरक्षा ग्लूकोमा जागरूकता अभियान
1 min read13/03/2024 5:53 pm
- ग्लूकोमा से बचाव को जागरूकता का दिया संदेश
- 40 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में एक बार अवश्य आखों की जांच कराएं
- 18 मार्च तक चलेगा नेत्र सुरक्षा के प्रति ग्लूकोमा जागरूकता अभियान
- जवाड़ी में नेत्र शिविर का हुआ आयोजन, 32 की नेत्र जांच व 20 को बांटे चश्में
दस्तक पहाड न्यूज / रुद्रप्रयाग ।।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व ग्लूकोमा सप्ताह का शुभारंभ हो गया। अभियान के पहले दिन जवाड़ी में नेत्र जांच शिविर में 32 ग्रामीणों की स्क्रीनिंग व 20 को चश्में वितरित किए गए। इस अवसर पर ग्रामीणों को ग्लूकोमा के लक्षण व बचाव के बारे में भी जागरूक किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मर्तोलिया ने अवगत कराया कि 18 मार्च 2023 तक ग्लूकोमा से नेत्र सुरक्षा हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सीएचओ को 18 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर ग्रामीणों को ग्लूकोमा से बचाव हेतु जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नेत्र संबंधी विकारों से संबंधित जांच एवं उपचार नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। नेत्र विकार व अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व सलाह के लिए निःशुल्क हेल्प लाइन 104 पर संपर्क किया जा सकता है व ऑनलाइन ओपीडी सेवा में पंजीकरण कर घर बैठे चिकित्सक से स्वास्थ्य परामर्श ले सकते हैं। वहीं, अभियान के शुभारंभ दिवस पर जखोली ब्लाक के ग्राम जवाड़ी में आयोजित नेत्र जांच शिविर में 32 लोगों की स्क्रीनिंग की गई व 20 को निःशुल्क चश्में वितरित किए गए। साथ ही मोतियाबिंद के लक्षण मिलने पर दो ग्रामीणों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। शिविर के द्वितीय सत्र में व जागरूकता गोष्ठी में नेत्र सहायक राजेश पुरोहित द्वारा ग्लूकोमा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बताया गया कि अक्सर सिरदर्द रहना, बार-बार चश्में का नंबर बदलना, अंधेरे कमरों में दृष्टि समायोजन में कठिनाई होना, तेज रोशनी के चारों ओर इंद्रधनुषिया गोला दिखाई देना, आंख व चेहने में दर्द, उल्टी की शिकायत होना ग्लूकोमा का लक्षण है। सीएचओ द्वारा सभी 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से आखों की जांच करवाने की अपील की। कहा कि ग्लूकोमा की पूर्व पहचान कर समय पर उपचार करने से दृष्टि को बचाया जा सकता है। इस अवसर पर आशा फेसिलिटेटर नीलम राणा, आशा कार्यकत्री सुषमा देवी आदि मौजूद रहे।
Advertisement

Advertisement

Read Also This:
Advertisement

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।
यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन
40 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में एक बार अवश्य कराएं आखों की जांच,18 मार्च तक चलेगा नेत्र सुरक्षा ग्लूकोमा जागरूकता अभियान
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129