दस्तक पहाड न्यूज  / जखोली।। बड़मा पट्टी के विद्वान ज्योतिषाचार्य लोकनंद भट्ट की पुण्य स्मृति में उनके सुपुत्र त्रिलोचन भट्ट और विलोचन भट्ट द्वारा पैतृक गांव जखोली में श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा व्यास द्वारिका प्रसाद गौड़ ने भागवत रसामृत का बखान करते हुए कहा भगवान की भक्ति से परम पद प्राप्त होता है, ध्रुव की अटल भक्ति इसका प्रमाण है। सनातनी परंपरा में विवाह संस्कार संपन्न होने पर नव दंपत्ति को ध्रुव तारा दिखाया जाता था, मान्यता थी कि इससे वैवाहिक बंधन अटल और

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निष्ठापूर्वक निभाए जाए। उन्होंने कहा जीवन कर्म प्रधान है, इसमें संचित, क्रियमाण और प्रारब्ध का भोग अनिवार्य है, लेकिन सद्कर्म, सदविचार और निष्ठा पूर्वक माता पिता और प्रभु की भक्ति हर दुख कष्ट को सहजता से पार करा देता है। उन्होंने कहा भक्ति केवल मनुष्य को नहीं तारती बल्कि भगवान को सहज बना देती है। भगवान शिव विष्णु की भक्ति करते है और भगवान विष्णु शिव का चिंतन। यही कारण है कि शिव विषपान करने के बाद भी कर्पूर की तरह श्वेत रहे और विष्णु भगवान नीलाम्बर हो गए। प्रारब्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि महर्षि अगस्त्य महादेव के बड़े भक्त हैं। महादेव की भक्ति में ही वह नित रामकथा का पाठ करते हैं, जिसे सुनकर महादेव बहुत प्रसन्न होते हैं। इसीलिए महादेव अक्सर उनके आश्रम में रामकथा सुनने आते थे। एकबार भगवान शिव रामकथा को सुनने के लिए पृथ्वी पर ऋषि अगस्त्य पास जाते हैं, जिसे सुनकर सती के मन में संदेह हो जाता है और दैवयोग से वह श्रीराम की परीक्षा लेने निकल पड़ती हैं फिर इसके बाद शिव द्वारा सती का त्याग और दक्ष यज्ञ में सती के दाह के प्रसंग होते हैं। इस अवसर पर कलश संस्था के संस्थापक ओमप्रकाश सेमवाल ने अयोध्या नगरी और भगवान श्रीराम पर गढ़वाली भजन सुनाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कथा से पूर्व आचार्यों द्वारा क्षेत्र की आराध्य भगवती दुणगैरा, नागराजा और पाण्डवों की आवाह्न पूजा की गई। इस अवसर पर भाजपा नेता दरम्यान जखवाल, बलराम सिंह ग्राम प्रधान जखोली, कुलपुरोहित भारत प्रसाद गार्ग्य, महेश पंत, वासवान गार्ग्य, सुरेन्द्र गार्ग्य, देवेन्द्र पंत, धर्मानंद पंत, नागराजा पश्वा चैत सिंह पंवार समेत आयोजक भट्ट परिवार से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य देवी प्रसाद भट्ट, टीआर भट्ट, राजेन्द्र प्रसाद भट्ट, महीधर प्रसाद भट्ट, राकेश भट्ट, विपिन भट्ट, गिरीश भट्ट, सुनील भट्ट सहित ग्रामवासी उपस्थित हुए।