सात अप्रैल को गर्भगृह से बाहर आएगी माँ गौरजा पीठासणी, करेगी सूरजप्रयाग स्नान, 9 से देवी भागवत प्रारंभ
1 min read03/04/2024 8:31 pm
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज
तिलवाड़ा।। भरदार पट्टी की आराध्य माँ गौरजा भवानी पीठासणी सात अप्रैल को सेमा गाँव स्थित अपने मूल मंदिर से बाहर आकर सूरजप्रयाग तिलवाड़ा आएगी। माँ पीठासणी भगवान अगस्त्य की नव शक्तियों में सबसे छोटी और सर्वाधिक प्रिय स्वरूप है। लोकमान्यता है कि देवासुर संग्राम के दौरान दैत्यों के नाश के लिए भगवान अगस्त्य की पीठ से इस अत्यंत दुर्लभ और सिद्धिदात्री शक्ति उत्पन्न हुई। पीठ से उत्पन्न होने के नाम से ही भगवती पीठासणी नाम से प्रसिद्ध हुई। तब भगवती का आदि निवास सेमा भरदार स्थित श्यामा गौरी मंदिर में हुआ। माँ पीठासणी के मंदिर में शुक्लपक्ष के चैत्र नवरात्र में 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक श्रीमद देवी भागवत कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसमें कथा व्यास आचार्य कैलाश सेमवाल के श्रीमुख से देवी महात्म्य का दिव्य वर्णन किया जाएगा। माँ श्यामागौरी मंदिर समिति ने समस्त भक्तगणों भगवती दर्शन एवं कथा श्रवण हेतु अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है।
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