दीपक बेंजवाल  / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड न्यूज। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दुकानें, टैंट, ढाबे आदि की आवंटन प्रक्रिया में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देने पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का बड़ा बयान सामने आया है। केदारनाथ विधायक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दुकानों की निविदा प्रकाशित की हैं, जिसमें स्थानीय व्यवसायियों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। यह स्थानीय लोगों का

Featured Image

पैतृक व्यवसाय है। जिसे बाहरी लोगों ने प्रभावित किया है, केदारनाथ की यात्रा व्यवस्थाओं में स्थानीय लोगों की भागीदारी होने के कारण यहाँ पलायन रूका है, और यहाँ कहावत भी है कि छः महीने कमाया, छः महीने समाया। कपाट बंद होने के बाद लोग विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जो यहाँ की विविधता है। टैंट, नींबू पानी, जूस, चाय इत्यादि छोटी-छोटी दुकानों को पूर्व की भाँति स्थानीय लोगों को वितरित किये जांय, व निम्न आय वर्ग के 25 प्रतिशत आपदा प्रभावित बेरोजगारों को भी आरक्षित रखा जाय। स्थानीय लोगों के रोजगार को देखते हुए उक्त निविदा में शिथिलता के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को बरीयता देने की नितान्त आवश्यकता है। जिससे स्थानीय बेरोजगारों व आपदा प्रभावितों की आजीविका सुरक्षित रह सके। उन्होंने जनहित में स्थानीय बेरोजगारों हेतु रोजगार व आजीविका को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करने को कहा है। बता दें इस बार पिछले साल के मुकाबले यात्री पंजीकरण लगभग दुगना है, ऐसे में इस बार अच्छी यात्रा चलेगी, हालाँकि कपाट देरी से खुलने के कारण यात्राकाल में लगभग एक महीने का अंतर जरूर आया है। बंपर पंजीकरण ने स्थानीय व्यवसायियों के चेहरो पर उम्मीद भर दी है। जिला प्रशासन की ओर से भी इस बार पुख्ता इंतजाम किए गए है, आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर दुकान और फड़ लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दुकानों, टैंटो के आवंटन में मानको की सख्ताई के साथ पारदर्शिता लायी गई है।